आरईसी लिमिटेड ने जीआईएफटी आईएफएससी स्टॉक एक्सचेंजों में 75 करोड़ अमेरीकी डॉलर के अपने हरित बॉन्ड सूचीबद्ध किए
आरईसी लिमिटेड ने आज गांधीनगर स्थित जीआईएफटी आईएफएससी में आयोजित एक शुरुआती सूचीकरण (लिस्टिंग) समारोह में जीआईएफटी आईएफएससी स्टॉक एक्सचेंजों में अपने 700 करोड़ अमेरिकी डॉलर के वैश्विक मध्यम अवधि कार्यक्रम के तहत हाल ही में जारी किए गए 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर के हरित बॉन्ड की एक विशेष लिस्टिंग की है।
इस समारोह के मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) के अध्यक्ष इंजेती श्रीनिवास थे। वहीं, आरईसी के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक (सीएमडी) विवेक कुमार देवांगन और आरईसी के निदेशक (वित्त) अजॉय चौधरी के साथ आईएनएक्स व एनएसई आईएफएससी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर आरईसी लिमिटेड के सीएमडी विवेक कुमार देवांगन ने कहा, “हमने सतर्कता से आईएफएससी स्टॉक एक्सचेंजों पर हाल ही में जारी किए गए आरईसी के हरित बॉन्डों की विशेष लिस्टिंग का निर्णय लिया है, जो वैश्विक निवेशकों के बीच लंबे समय से स्वीकार्यता प्राप्त कर चुके हैं। यह हरित बॉन्ड जारी करना आरईसी की स्थिति को अंतरराष्ट्रीय पूंजी बाजार में सबसे कुशल व सक्रिय जारीकर्ताओं में से एक के रूप में मजबूत करता है और हरित परियोजनाओं पर ध्यान देने के साथ जलवायु कार्य योजना तथा ऊर्जा रूपांतरण की दिशा में अपनी अमृत काल की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने को लेकर भारत में योगदान देने के लिए तैयार है।”
यह किसी भारतीय एनबीएफसी की ओर से अब तक का सबसे बड़ा (दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशियाई जारीकर्ता द्वारा अब तक का सबसे बड़ा हरित बॉन्ड ट्रैन्च) अमेरिकी डॉलर ट्रैन्च (शेयर का हिस्सा) है और भारत की जी20 अध्यक्षता के बाद किसी भारतीय कंपनी की ओर से जारी किया गया पहला हरित बॉन्ड है।
आईएफएससीए के अध्यक्ष इंजेती श्रीनिवास ने कहा, “हमें प्रसन्नता है कि महारत्न कंपनी आरईसी लिमिटेड ने अपने 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर के हरित बॉन्डों को विशेष रूप से आईएफएससी एक्सचेंजों में सूचीबद्ध किया है। इस लिस्टिंग के साथ आईएफएससी एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध संचयी ईएसजी लेबल वाले बॉन्ड 10 अरब अमेरीकी डॉलर के आंकड़े को पार कर गए हैं। जीआईएफटी आईएफएससी भारत की स्थायी परियोजनाओं में विदेशी पूंजी जुटाने की सुविधा के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में उभर रहा है, जिससे हमारी जलवायु परिवर्तन संबंधी प्रतिबद्धताओं और एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान मिल रहा है।”
इस इश्यू के लिए गुणवत्तापूर्ण खातों की ओर से सक्रिय भागीदारी के साथ 161 निवेशकों द्वारा लगभग 3.5 गुना अधिक सब्सक्रिप्शन लिया गया। एशिया- प्रशांत क्षेत्र (एपेक) 42 फीसदी, यूरोप, मध्य पूर्व व अफ्रीका (ईएमईए) 26 फीसदी और अमेरिका 32 फीसदी के साथ पूरे विश्व के निवेशकों ने इस इश्यू में हिस्सा लिया।
एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज के एमडी और सीईओ वी. बालासुब्रमण्यम ने कहा, “हमें काफी प्रसन्नता है कि आरईसी ने एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज और जीआईएफटी आईएफएससी के इंडिया आईएनएक्स में 75 करोड़ अमेरीकी डॉलर के अपने हरित बांड की एक विशेष लिस्टिंग की है, जिससे 700 करोड़ अमेरिकी डॉलर के वैश्विक मध्यम अवधि नोट कार्यक्रम के तहत उनकी कुल लिस्टिंग 475 करोड़ अमेरिकी डॉलर हो गई है। मुझे विश्वास है कि भारत और इस क्षेत्र के अन्य जारीकर्ता आईएफएससी एक्सचेंजों पर अंतरराष्ट्रीय लिस्टिंग पर विचार करेंगे। हमारा उद्देश्य जीआईएफटी आईएफएससी को एक स्थायी वैश्विक वित्तीय केंद्र बनाना है। आईएफएससी एक्सचेंजों पर कुल बॉन्ड जारी करने के साथ 5170 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है, जिसमें मध्यम अवधि के नोटों की कुल कीमत 7300 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक है।”
इस इश्यू में 87 फीसदी से अधिक लेनदेन निधि प्रबंधकों, परिसंपत्ति प्रबंधकों और बीमा कंपनियों को आवंटित किया गया है।
इस अवसर पर इंडिया आईएनएक्स स्थित बिजनेस ऑपरेशन्स और लिस्टिंग के प्रमुख अरुण कुमार गणेशन ने कहा, “हमें इंडिया आईएनएक्स पर आरईसी लिमिटेड की ओर से जारी किए गए 75 करोड़ अमेरिकी डॉलर के हरित बॉन्ड का स्वागत करते हुए काफी प्रसन्नता हो रही है, क्योंकि उन्होंने भारत के अपने आईएफएससी पर विश्वास व्यक्त किया है और विशेष रूप से यहां सूचीबद्ध करने का विकल्प चुना है, वे 4 फीसदी के कम के विदहोल्डिंग कर लाभ का आनंद प्राप्त करेंगे। यह वैश्विक निवेशकों से पूंजी जुटाने को लेकर एक विश्वसनीय और प्रतिस्पर्धी अंतरराष्ट्रीय क्षेत्राधिकार के रूप में इंडिया आईएनएक्स और जीआईएफटी आईएफएससी की स्थिति को सुदृढ़ करता है।”