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राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद का पुनर्गठन; गैर-सरकारी सदस्य मनोनीत

राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद (एनएसएसी) का दो साल का कार्यकाल पूरा होने पर केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद में गैर-सरकारी सदस्यों को नामित किया है, जो कई हितधारकों की नुमाइंदगी करते हैं। जैसे कि सफल स्टार्टअप्स के संस्थापक लोग, वे दिग्गज जिन्होंने भारत में कंपनियों को पनपाया और बड़ा किया है, स्टार्टअप में निवेशकों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले सक्षम व्यक्ति, इनक्यूबेटर और एक्सेलेरेटर के हितों का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम व्यक्ति, स्टार्टअप्स के हितधारकों के संघों के प्रतिनिधि और उद्योग संघों के प्रतिनिधि।

ये नामांकित गैर-सरकारी सदस्य इस प्रकार हैं:

संजय नायर, सोरिन इन्वेस्टमेंट्स
अभिराज सिंह भल, अर्बन कंपनी
कुणाल बहल, स्नैपडील
संजीव बिखचंदानी, इन्फो एज
रमेश बाइरापनेनी, एंडिया पार्टनर्स
प्रशांत प्रकाश, एक्सेल
मनोज कोहली, पूर्व कंट्री हेड, सॉफ्टबैंक इंडिया
राजन आनंदन, पीकएक्सवी पार्टनर्स
प्रो. अमिताभ बंद्योपाध्याय, आईआईटी कानपुर
कुणाल उपाध्याय, सीआईआईई डॉट सीओ, आईआईएम अहमदाबाद
कार्तिक रेड्डी, इंडियन वेंचर एंड अल्टरनेट कैपिटल एसोसिएशन
शरद शर्मा, आईस्पिरिट – इंडियन सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट इंडस्ट्री राउंडटेबल
देबजानी घोष, नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज (नासकॉम)
प्रोफेसर योगेश सिंह, दिल्ली विश्वविद्यालय
श्रद्धा शर्मा, योरस्टोरी
अजय चौधरी, संस्थापक एचसीएल
नितिन कामथ, ज़ीरोधा
सौरभ श्रीवास्तव, इंडियन एंजेल नेटवर्क
रिकांत पिट्टी, ईज़ी ट्रिप प्लानर्स प्रा. लिमिटेड
डॉ. रेणू स्वरूप, पूर्व सचिव, जैव प्रौद्योगिकी विभाग
निशीथ देसाई, निशीथ देसाई एसोसिएट्स
डॉ. तेज चिंगथम, एआईसी-एसएमयू टेक्नोलॉजी बिजनेस इनक्यूबेशन फाउंडेशन
अमित जैन, कारदेखो
राणा आशुतोष कुमार सिंह, भारतीय स्टेट बैंक
प्रो. वी. कामकोटि, आईआईटी मद्रास
निवृत्ति राय, इन्वेस्ट इंडिया
अर्चना जहागीरदार, रुकम कैपिटल
राजेश गोपीनाथन, आईआईटी बॉम्बे और पूर्व सीईओ, टीसीएस
फिक्की के अध्यक्ष या फिक्की की प्रासंगिक स्टार्टअप टीम से नामित प्रतिनिधि
सीआईआई के अध्यक्ष या सीआईआई की प्रासंगिक स्टार्टअप टीम से नामित प्रतिनिधि
एसोचैम के अध्यक्ष या एसोचैम की प्रासंगिक स्टार्टअप टीम से नामित प्रतिनिधि
एनएसएसी की दो साल की यात्रा हितधारक-संचालित सार्वजनिक नीति व्यवस्था के मामले में एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गई है और इसने भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम की उभरती ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कार्यक्रम और समाधान तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस परिषद के अधिकांश सदस्यों ने ऐसे विभिन्न कार्यक्रमों का स्वामित्व और मार्गदर्शन किया है जो स्टार्टअप इंडिया पहल के विस्तार के लिए महत्वपूर्ण रहे हैं, जिनमें एनएवीआईसी ग्रैंड चैलेंज, स्टार्टअप इंडिया इन्वेस्टर कनेक्ट पोर्टल, मार्ग पोर्टल, नेशनल इनक्यूबेटर कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्रैम, दूरदर्शन के स्टार्टअप चैंपियंस आदि कार्यक्रम शामिल हैं।

एनएसएसी की आठवीं बैठक 19 दिसंबर, 2023 को नई दिल्ली में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में होने वाली है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने 21 जनवरी, 2020 की अधिसूचना संख्या 5(24)/2019-स्टार्टअप इंडिया के माध्यम से ‘राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद’ का गठन किया था, जिसका कार्य देश में इनोवेशन और स्टार्टअप्स के लिए एक सुदृढ़ इकोसिस्टम निर्मित करने के लिए ज़रूरी उपायों पर सरकार को आवश्यक सलाह देना है ताकि सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा मिले और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हों।

इसके अलावा, इस राजपत्र के अनुसार, राष्ट्रीय स्टार्टअप सलाहकार परिषद के गैर-सरकारी सदस्यों का कार्यकाल दो साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, वह होगा।

ये परिषद निम्नांकित को लेकर उपाय सुझाने के लिए नियमित आधार पर बैठक करती है:

नागरिकों और विशेष रूप से छात्रों के बीच नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देना;
अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों सहित देश भर में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में नवाचार को बढ़ावा देना;
रचनात्मक और नवीन विचारों को इनक्यूबेशन और अनुसंधान एवं विकास के जरिए समर्थन देना ताकि उत्पादकता और दक्षता में सुधार के लिए उन्हें मूल्यवान उत्पादों, प्रक्रियाओं या समाधानों में बदला जा सके;
उद्योग में नवाचार को अपनाए जाने का वातावरण बनाना;
सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार करने के लिए सार्वजनिक संगठनों को नवाचार को आत्मसात करने में सुगम करना;
बौद्धिक संपदा अधिकारों के निर्माण, संरक्षण और व्यावसायीकरण को बढ़ावा देना;
नियामक अनुपालन और लागतों को कम करते हुए व्यवसाय शुरू करने, उसके परिचालन, विकास और उसे बंद करने को आसाना बनाना;
स्टार्टअप के लिए पूंजी तक आसान पहुंच को बढ़ावा देना;
स्टार्टअप में निवेश के लिए घरेलू पूंजी को बढ़ावा देना;
भारतीय स्टार्टअप्स में निवेश के लिए वैश्विक पूंजी जुटाना;
स्टार्टअप का नियंत्रण मूल प्रवर्तकों के पास रखना;
भारतीय स्टार्टअप्स को वैश्विक बाजारों तक पहुंच प्रदान करना।