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झारखंड में रोपवे का केबल टूटा, 2 की मौत 12 घायल

झारखंड के देवघर में रविवार को हुए त्रिकूट रोपवे हादसे में अब तक एनडीआरएफ कि टीम ने 19 लोगों को रेस्क्यू कर निकाला लिया है वहीं, करीब 48 लोग अभी भी ट्रॉली में बंद हैं। एनडीआरएफ की टाम को तारों के जाल और पंखे की तेज हवा से ट्रालियां हिलने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इससे लोगों और कमांडो को भी डर लग रहा है।

सुबह 6 घंटे के रेस्क्यू करने के प्रयास के बाद हेलिकॉप्टर वापिस लौट गया और दोबारा प्लान करके रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया है। हादसे के बाद लोकल पुलिस व एनडीआरएफ ने रेस्क्यू ऑपारेशन शुरू किया, लेकिन बाद में लोगों की मदद के लिए सेना को बुलाना पड़ा। वहीं इंडियन एयरफोर्स का कहना है कि, रोपवे हादसे में दो एमआई-17 हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है और बताया जा रहा है कि कमांडो ने दो अन्य ट्रॉली के गेट भी खोल दिए हैं।

आपकों बता दें कि रविवार की शाम करीब 4 बजे हुए हादसे के बाद 18 ट्रॉलियों में 48 श्रद्धालु फंसकर हवा में लटक गए थे। हादसे में 12 लोग घायल हो गए और 2 लोगों को मौत होने की ख़बर भी सामने आई है। केबिन में फंसे लोग तकरीबन 20 घंटे से मदद का इंतजार रहे हैं। सेना के बयान के मुताबिक, सोमवार को आठ लोगों को रेस्क्यू कर निकाला गया। वहीं रविवार को 11 लोगों को निकाला जा चुका है।

जमीन से करीब 2500 फीट की ऊंचाई यह हादसा हुआ और 18 ट्रॉली हवा में ही लटक गईं। हांलाकी ऑपरेशन शुरू करने से पहले सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं। हादसे के बाद हादसे में फंसे हुए लोगों की पहचान देवघर के अमित कुमार, खुशबू कुमारी, जया कुमारी, छठी लाल शाह, कर्तव्य राम, वीर कुमार, नमन, अभिषेक, भागलपुर के धीरज, कौशल्या देवी, अन्नु कुमारी, तनु कुमारी, डिंपल कुमार व वाहन चालक, मालदा के पुतुल शर्मा, सुधीर दत्ता, सौरव दास, नमिता, विनय दास के रूप में की गई है।