दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के तहत 31,000 से अधिक रोजगार जुटाए जाने से ग्रामीण रोजगार को काफी बढ़ावा मिलेगा
ग्रामीण रोजगार को अधिक बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय 19 कैप्टिव नियोक्ताओं के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर रहा है, जिसके अंतर्गत इन नियोक्ताओं को दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना (डीडीयू-जीकेवाई) के तहत 31,067 ग्रामीण गरीब युवाओं को 6 महीने की न्यूनतम अवधि के लिए कम से कम 10,000 रुपये प्रति माह वेतन के साथ प्रशिक्षित करने और लाभकारी रोजगार प्रदान करने का लक्ष्य प्रदान किया जा रहा है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह कल नई दिल्ली में आयोजित समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर समारोह के अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे। इस अवसर पर वे कुछ ऐसे उम्मीदवारों को नियुक्ति-पत्र भी बांटेंगे, जिन्होंने डीडीयू-जीकेवाई के तहत इसी प्रकार का प्रशिक्षण प्राप्त किया था और उनकी कैप्टिव नियोक्ताओं के यहां नियुक्ति होनी है।
श्री गिरिराज सिंह के निर्देश पर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने डीडीयू-जीकेवाई के अंतर्गत कैप्टिव रोजगार (इन हाउस) दिशानिर्देश जारी किए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उम्मीदवारों को उद्योग की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षित किया जा सकें और उन्हें रोजगार मिल सकें। कैप्टिव रोजगार मॉडल नियोक्ताओं को ग्रामीण युवाओं का चयन करने, उन्हें कौशल प्रदान करने और उन्हें अपने प्रतिष्ठान/अपनी अन्य संस्था/सहायक कंपनियों में तैनात करने की अनुमति प्रदान करता है।
आरटीडी (भर्ती, प्रशिक्षण और तैनाती) मॉडल को एक तरफ उद्योग की आवश्यकताओं को पूरा करने और दूसरी ओर ग्रामीण युवाओं के लिए स्थायी नौकरी सुनिश्चित करने के लिए विकसित किया गया है। यह मॉडल उद्योग, सरकार और ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए बहुत लाभकारी सिद्ध होगा। उद्योग अपनी आवश्यकता के अनुसार अपने कार्य स्थल पर ही इन युवाओं को अधिक व्यावहारिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने में सक्षम होगा, जबकि सरकार ग्रामीण गरीब युवाओं के लिए अधिक अवधि तक रोजगार (न्यूनतम छह महीने) सुनिश्चित करेगी।
कैप्टिव रोजगार (इन हाउस) के दिशानिर्देश डीडीयू-जीकेवाई कार्यक्रम में भाग लेने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए दिए जा रहे लाभों के कारण इस योजना में उद्योग की प्रत्यक्ष भागीदारी बढ़ाएंगे जिससे ग्रामीण युवाओं के लिए बड़ी मात्रा में रोजगार सुनिश्चित होंगे। कैप्टिव नियोक्ताओं को प्रदान किए जाने वाले कुछ लाभ इस प्रकार हैं: लक्ष्य आवंटन में सर्वोच्च प्राथमिकता, प्रदर्शन बैंक गारंटी की छूट, गुणवत्ता मूल्यांकन प्रक्रिया और शुल्क की छूट, उद्योग के संचालन को आसान बनाने के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की लगन और डीडीयू-जीकेवाई के कुछ अन्य जनादेश के प्रति दिलचस्पी, तीन साल की अवधि के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन, उद्योग को अपने कार्य के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति की प्राप्ति होगी जिससे नुक्सान कम होगा, कार्य प्रदर्शन बेहतर होगा और सरकार की प्रशिक्षण लागत को कम करने में भी मदद मिलेगी।
हालांकि, बदले में कैप्टिव नियोक्ताओं को सभी प्रशिक्षित उम्मीदवारों को कैप्टिव (इन-हाउस) रोजगार देने और 6 महीने की अवधि के लिए न्यूनतम 70 प्रतिशत प्रशिक्षित उम्मीदवारों को 10,000 रुपये के न्यूनतम वेतन पर रोजगार उपलब्ध कराना है। इसके अलावा 6 महीने से अधिक के प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों के लिए 12,000 रुपये का रोजगार देने की जरूरत पड़ती है।
डीडीयू-जीकेवाई का मूल उद्देश्य कौशल प्राप्त करने के बाद ग्रामीण युवाओं को स्थायी रूप से लाभकारी रोजगार प्रदान करना है, इसलिए वर्ष 2020 में अंत्योदय दिवस के अवसर पर कैप्टिव रोजगार की अवधारणा की परिकल्पना की गई और इसका शुभारंभ किया गया।