स्कूली पाठ्यक्रम में भारतीय कला और संस्कृति पर ध्यान देना चाहिए: उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति, श्री एम. वेंकैया नायडू ने अभिभावकों और शिक्षकों से भारतीय संस्कृति, परंपरा और सदाचार पर ध्यान देते हुए मूल्य आधारित शिक्षा प्रदान करने की अपील की।
उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसी मूल्य और समग्रता आधारित शिक्षा बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए है।
महान गायक, स्वर्गीय एस.पी. बालासुब्रमण्यम की पहली पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, नायडू ने सुझाव दिया कि स्कूल पाठ्यक्रम में भारतीय कला और संस्कृति पर अधिक ध्यान देना चाहिए और हमारी विरासत के बारे में एक व्यापक दृष्टिकोण देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संगीत हमारे मन को शांति देता है और बच्चों को संगीत सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने दिवंगत गायक को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। बहुमुखी प्रतिभा के धनी गायक के जीवन को याद करते हुए, नायडू ने कहा कि श्री एस. पी. बालासुब्रमण्यम ने पांच दशक की अपनी संगीत यात्रा के दौरान संगीत जगत पर एक अमिट छाप छोड़ी।
उन्होंने दिवंगत गायक के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों और तेलुगु भाषा के लिए साझा लगाव को भी याद किया।
इस वर्चुअल कार्यक्रम में फिल्म उद्योग के लोकप्रिय कलाकार, गीतकार सिरीवेनेला सीतारामशास्त्री, गायक कैलाश खेर, फिल्म अभिनेता तनिकेला भरानी, विभिन्न तेलुगु संगठनों के सदस्यों और अन्य लोगों ने भाग लिया।