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शेखावत ने ‘पेयजल गुणवत्ता जांच, निगरानी और निरीक्षण’ प्रारूप जारी किया; जेजेएम के लिए जल गुणवत्ता एमआईएस का भी शुभारंभ किया

केंद्रीय जल मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण जलापूर्ति के प्रभारी मंत्रियों के साथ एक वेबिनार की अध्यक्षता की और 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण परिवार में नल के माध्यम से जल कनेक्शन प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार के एक प्रमुख कार्यक्रम जल जीवन मिशन के तहत की गई प्रगति की समीक्षा की। इस वर्चुअल सम्मेलन में जल शक्ति राज्य मंत्री- रतन लाल कटारिया, डीडीडब्ल्यूएस सचिव पंकज कुमार, अपर सचिव और मिशन निदेशक भरत लाल भी उपस्थित थे।

केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि ‘हर घर जल’ केवल एक बार का बुनियादी ढांचा बनाने का कार्यक्रम नहीं है। यह अग्रिम पंक्ति के कार्मिकों के क्षमता निर्माण, महिलाओं को सशक्त बनाने और गांवों में रोजगार सृजन के संदर्भ में एक दीर्घकालीन मार्ग तय करेगा। केंद्रीय मंत्री ने पेयजल गुणवत्ता जांच, निरीक्षण और निगरानी’ प्रारूप जारी करने के साथ-साथ जल गुणवत्ता प्रबंधन सूचना प्रणाली (डब्ल्यूक्यूएमआईएस) का भी शुभारंभ किया। डब्ल्यूक्यूएमआईएस ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल ऐप में जल की गुणवत्ता से संबंधित एक पूर्ण स्वचालित डेटा प्रबंधन है।

केंद्रीय बजट 2021-22 में जल जीवन मिशन के लिए बजटीय प्रावधान में 2020-21 के 11,500 करोड़ रुपये से 2021-22 में 50,011 करोड़ रुपये तक की वृद्धि की गई है। शेखावत ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग पांच गुना बढ़े हुए जल जीवन मिशन के बजट के अधिक प्रभावी उपयोग के लिए प्रारूप भी जारी किया। तीसरा वर्ष होने के नाते, 2021-22 जल जीवन मिशन के लिए यह महत्वपूर्ण वर्ष है। उन्होंने कहा कि यह कार्यान्वयन में तेजी लाने, रणनीतिक रूप से दीर्घकालिक संचालन के लिए हर घर में सुनिश्चित जलापूर्ति के लिए उचित प्रबंधन और रखरखाव हेतु प्रणाली और प्रक्रियाएं बनाने का समय है।

वेबिनार के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए, शेखावत ने कहा कि 15 अगस्त, 2019 को लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जल जीवन मिशन की घोषणा के बाद से, देश भर में इस मिशन में महत्वपूर्ण रूप से प्रगति हुई है और अब तक, 3.77 करोड़ से अधिक ग्रामीण घरों में नल के माध्यम से जल कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। कुल मिलाकर, 7 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों (36.5%) को अब अपने घरों में स्वच्छ जल मिलना प्रारंभ हो गया है, अर्थात एक-तिहाई से अधिक ग्रामीण घरों में नलों के माध्यम से पीने योग्य जल मिल रहा है। शेखावत ने कहा कि 52 जिलों, 670 ब्लॉक, 42,100 पंचायतों और 81,123 गांवों में रहने वाले प्रत्येक परिवार को अब अपने घरों में नल के माध्यम से जलापूर्ति सुनिश्चित की जा रही है।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि कैसे 2020-21 में कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, मिशन के प्रभावी और कुशल कार्यान्वयन के लिए आवश्यक आधारशिला रखी गई। जैसा कि पूरा देश धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटने का प्रयास कर रहा है, जल जीवन मिशन ग्रामीण क्षेत्रों में नल कनेक्शन प्रदान करके ग्रामीण क्षेत्रों में ‘सुरक्षित पेयजल की व्यवस्था’ के लिए अथक प्रयास कर रहा है।

उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए जल शक्ति राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने उस समय को याद किया जब हरियाणा में उनके गांव की महिलाओं को घरों के पास पेयजल के स्रोतों की अनुपलब्धता के कारण संघर्ष और पीड़ा का सामना करना पड़ता था। कटारिया ने कहा कि वह इस मिशन का हिस्सा बनकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं क्योंकि यह देश की ग्रामीण महिलाओं और बच्चों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव ला रहा है।

केंद्रीय बजट 2021-22 में जल जीवन मिशन के लिए बजटीय प्रावधान में 2020-21 के 11,500 करोड़ रुपये से 2021-22 में 50,011 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। बजट घोषणा के शीघ्र बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2021-22 में जेजेएम के कार्यान्वयन को गति देने के माध्यमों पर विचारों को आमंत्रित करने के लिए निजी क्षेत्र, नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों आदि से विभिन्न हितधारकों के साथ एक उच्च-स्तरीय परामर्श की अध्यक्षता की थी। आज का वेबिनार, प्रधानमंत्री द्वारा जल जीवन मिशन कार्यक्रम के कार्यान्वयन की स्थिति और गति का आकलन करने के लिए 16 फरवरी, 2021 को आयोजित किए गए वर्चुअल सम्मेलन, का ही अगला भाग है।