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सावन मास का महत्व, जाने यहाँ

सावन का महीना हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र महीना माना गया है। सावन को श्रावण भी कहते हैं. सावन के महीने को हिंदू कैलेंडर के अनुसार 5वां महीना माना गया है।

पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास का समापन 24 जुलाई को शक्ल पक्ष की पूर्णिमा की तिथि को हो चुका है। 25 जुलाई से श्रावण यानी सावन का महीना आरंभ होगा. सावन का महीना 22 अगस्त दिन रविवार के दिन समाप्त हो रहा है।

हर साल जुलाई में शिवजी की पूजा को अहम माना जाता है। जुलाई का महीना सावन का महीना होता है। जिसमे लोग कांवड़ लेकर जाते है, मंदिरो में हर रोज़ महादेव की पूजा होती है। इस साल कोरोना के संकट की वजह से इन् सभी चीज़ों पर रोक लगा दी गई है। श्रद्धालु इस साल महादेव की पूजा अपने घर में ही कर पाएंगे। इस साल सावन का महीना 25 जुलाई से शुरू होकर 22 अगस्त तक चलेगा।

भगवान शिव की पूजा करने का और उनका अभिषेक करने का यह सही समय माना जाता है। सोमवार का दिन भगवान शिवजी का होता है।

चलिए जानते है आप कैसे महादेव की पूजा कर सकते है। सोमवार सुबह के समय आप ‘भगवान शिव का नाम जाप’ ध्यान करे। फिर आप भगवान शिव को दूध ज़रूर चढ़ाए क्योंकि उन्हें दूध बेहद पसंद है। शिवजी को बेलपत्र, भांग, चन्दन, धतूरा, गंगाजल, शक्कर, दही , घी , फूल आदि चढ़ाए।

कई लोग सावन के सोमवार के व्रत करते है और कई लोग सावन से 16 सोमवार व्रत शुरू करते है। सावन में शिवजी की अराधना करने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है। सावन के महीने में हर साल कावंड़िए कावंड़ लेकर शिव के दर्शन के लिए बैद्यनाथ धाम जाते हैं। भगवान शिव को पार्वती ने पति रूप में पाने के लिए पूरे सावन महीने में कठोर तपस्या की, जिससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूरी की।

यही कारण है कि इस महीने कुंवारी कन्या अच्छे वर के लिए शिव जी से प्रार्थना करती हैं। इसलिए इस माह में अभिषेक का महत्व बताया गया हैं।