Happy Birthday Dada : सौरव गांगुली आज मनाएंगे अपना 49वां जन्मदिन
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और पूर्व कप्तान का आज 49वां जन्मदिन है।
भारतीय क्रिकेट को एक नए मुकाम तक लाने में गांगुली की अहम भूमिका है। रॉयल बंगाल टाइगर और प्रिंस ऑफ़ कोलकाता के नाम से लोकप्रिय सौरव गांगुली ने अपने करियर में बहुत सारी उपलब्धियां हासिल की है। सौरव गांगुली का जन्म 8 जुलाई 1972 को कोलकाता में हुआ था।
गांगुली ने टेस्ट, वन डे और आईपीएल मैचों में शानदार प्रदर्शन किए है और कई रिकार्ड्स भी बनाये है।
रणजी ट्रॉफी और दिलीप ट्रॉफी जैसे क्रिकेट टूर्नामेंट मे उनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए, वर्ष 1992 में भारतीय क्रिकेट टीम में उन्हें वेस्टइंडीज़ दौरे के लिए शामिल किया गया। इसी दौरे के दौरान गांगुली ने अपना पहला अंतराष्ट्रीय एकदिवसीय मैच वेस्टइंडीज़ के खिलाफ खेला। उनकी शुरुआत बिलकुल भी अच्छी नहीं हो पायी और वो सिर्फ 3 रन ही बना पाए। वेस्टइंडीज दौरे के दौरान उनके खराब रवैये की वजह से उनकी काफी आलोचना की गयी। उसके बाद उन्हें चार साल तक राष्ट्रीय टीम में नही लिया गया।
वर्ष 1996 में गांगुली का इंग्लैंड दौरे के लिए चयन हुआ और गांगुली ने इंग्लैंड के इतिहासिक लॉर्ड्स मैदान पर शानदार सेंचुरी लगाकर अपने करियर का आगाज किया। गांगुली ने इस मैच में 131 रनों की शानदार पारी खेली और रिकार्ड्स भी बनाये। इस मैच से भारतीय टीम में सौरव की स्थान पक्की हो गयी।
सौरव की कप्तानी में भारत ने विदेश में 28 टेस्ट मैच खेले थे जिसमे से 11 में जीत हासिल की।
वर्ष 2000 में जब भारतीय टीम पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगा तब कोई भी भारतीय टीम का नेतृत्व नहीं करना चाहता था। उस समय गांगुली ने भारतीय टीम की कप्तानी की कमान संभाली। गांगुली के ही नेतृत्व में भारतीय टीम वर्ष 2004 में क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंच पायी थी।
गांगुली मैदान पर अपने साथी खिलाड़ियों पर गुस्स्सा करने और विरोधी टीम के साथ झगड़ा करने की वजह से कई बार आलोचना का शिकार भी हुए।
सौरव गांगुली को भारत सरकार ने वर्ष 2004 में भारतीय क्रिकेट में शानदार योगदान के लिए पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित किया था।
भारतीय टीम के सफल खिलाडियों में से एक सौरव गांगुली आज भी क्रिकेट से जुड़े हैं। वर्ष 2014 में बंगाल क्रिकेट संघ ने गांगुली को खेल प्रशासक के रूप में नियुक्त किया था। सौरव गांगुली की कप्तानी और बल्लेबाज़ी के अंदाज़ को आज भी याद किया जाता है, भारतीय क्रिकेट के इतिहास में गांगुली का नाम हमेशा याद किया जायेगा।