तेल और गैस क्षेत्र में उठाए गए कदमों से सामाजिक, आर्थिक परिवर्तन में तेजी आ रही हैः धर्मेन्द्र प्रधान

केंद्रीय पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस और इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि ऊर्जा सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन का उत्प्रेरक है। ईंधन और लुंब्रिकेंट पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तेल और गैस क्षेत्र में कई मिलियन डॉलर के निवेश से रोजगार के अवसर पैदा होंगे और परिणामस्वरूप सामाजिक-आर्थिक विकास के प्रभाव को नीचे तक ले जाया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि तेल और गैस क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था के दो अंकीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

प्रधान ने कहा कि भारत विश्व में ईंधन का खपत करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। लेकिन भारत शीघ्र ही शीर्ष पर पहुंच जाएगा, क्योंकि देश में प्रति व्यक्ति खपत बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ, हरित तथा स्थायी स्रोतों से भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताएं पूरी की जाएंगी और इसके लिए निरंतर अनुसंधान और विकास प्रयास करने की जरूरत है। इस दिशा में नीति सुधारों की चर्चा करते हुए उन्होंने पीएमयूवाई, इथनॉल मिश्रण, कमप्रेस्ड बायोगैस, बायो डीजल, कोयला से सिंथेसिस गैस तथा एलएनजी को प्राथमिकता ईंधन के रूप में प्रोत्साहित करने को कहा। नीति की चर्चा करते हुए ठोस निवेश योजना, भविष्य के लक्ष्यों के प्रति स्पष्टता तथा मजबूत क्रियान्वयन रणनीति से नए प्रतिमान मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्योग न केवल ऊर्जा की उपलब्धता के लिए तैयार है, बल्कि गुणवत्ता संपन्न ऊर्जा के लिए तैयार है।

प्रधान ने कहा कि आर्थिक विकास के ऊर्जा वर्टिकल में हम नई ऊंचाइयां प्राप्त कर रहे हैं। विश्वनिरंतरता के बारे में चर्चा कर रहा है। हमने ऊर्जा को स्वच्छ, हरित और सतत् बनाने के लिए निरंतरता का मार्ग निर्धारित किया है।

प्रधान ने इस अवसर पर इंडियन ऑयल के अनुसंधान और विकास केंद्र की स्वर्ण जयंती पर एक लोगो तथा स्मारिका जारी की।

पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस सचिव तरुण कपूर ने कहा कि इंडियन ऑयल अनुसंधान और विकास केंद्र सराहनीय कार्य कर रहा है और अनेक वाणिज्यिक उत्पादों को लॉन्च किया है। उन्होंने अनुसंधान और विकास तथा नवाचार प्रयासों को बढ़ाने को कहा ताकि जीवाश्म इंजन से उत्सर्जन कम किया जा सके। उन्होंने ईंधन सक्षमता बढ़ाने पर बल दिया, क्योंकि इससे खपत में कमी आएगी और आयात निर्भरता कम होगी।

इस अवसर पर इंडियन ऑयल के अध्यक्ष श्रीकांत माधव वैद्य तथा इंडियन ऑयल के अनुसंधान और विकास निदेशक डॉ. रमा कुमार ने भी विचार व्यक्त किए।

ईंधन तथा लुब्रिकेंट्स पर तीन दिन की 12वीं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी (आईएसएलएफ-2021) का आयोजन 15 से 17 मार्च तक सोसायटी ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियर्स ऑफ इंडिया (एसएईआईएनडीआईए) के सहयोग से इंडियन ऑयल अनुसंधान और विकास केंद्र द्वारा किया जा रहा है। संगोष्ठी का विषय है- इमर्जिंग ट्रेंड्स इन फ्युएल एंड लुब्रिकेंट्स-बीएस-VI एंड बियोंड।

यह संगोष्ठी द्विवार्षिक रूप से आयोजित की जाती है और इसमें भारतीय ईंधन तथा लुब्रिकेंट्स ईंधन की प्रगति दिखाई जाती है। यह संगोष्ठी नए कार्यों को साझा करने, विचारों के आदान-प्रदान तथा नया व्यावसायिक संबंध बनाने के लिए साझा मंच उपलब्ध कराती है।


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