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जहांगीरपुरी में दुबारा हुआ पथराव, दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कि प्रैस कॉन्फ्रेंस और पढ़ें साथ ही अन्य खबरें

1. शनिवार को दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद आज आरोपियों को पकड़ने गई पुलिस पर पथराव किया गया है। इस दौरान एक पुलिसकर्मी को हल्की चोट भी आई है। गोली चलाने वाले शख्स सोनू चिकना जो अभी फरार चल रहा है। उसको पकड़ने के लिए पुलिस गई थी और उसकी साली को दिल्ली पुलिस पूछताछ के लिए लेकर आई थी। इसके कारण स्थानीय महिलाओं ने हंगामा शुरू कर पथराव कर दिया।

2. वहीं, जहांगीरपुरी हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर राकेश अस्थाना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके घटना के बारे में जानकारी दी। राकेश ने कहा कि इस घटना में जो भी आरोपित होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई कि जाएगी। किसी भी तथ्य की जानकारी के लिए आप पुलिस से संपर्क करें। किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि कुछ लोग सोशल मीडिया के जरिए शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं। हम सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं और गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। जनता अफवाहों पर ध्यान न दें।

उन्होंने मस्जिद पर भगवा लगाने वाली बात को गलत बताया है और कहा कि ऐसा कोई सबूत भी नहीं मिला है। छोटी सी बात पर झगड़ा शुरू हुआ। इलाके से अब तक दोनों समुदायों की तरफ से करीब 23 गिरफ्तारियां होने की भी बात कही है। साथ ही कमिशनर ने बताया कि दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही, चाहे वह किसी भी वर्ग, पंथ, समुदाय और धर्म का हो.” अब इस मामले की जांचक्राइम ब्रांच कर रही है।

3. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कई जिलों में मास्क लगाना दोबारा से अनिवार्य
उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे कुछ राज्यों में कोविड के केस में बढ़ोतरी के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एनसीआर के जिलों और लखनऊ में मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया है। साथ इसको लेकर जरूरी निर्देश भी दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीआर के जनपदों (गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, बागपत) तथा लखनऊ जनपद में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाया जाना अनिवार्य किया जाए। साथ ही जहां टीकाकरण से छूटे लोगों को चिन्हित कर वैक्सीन भी लगाई जाए।

4. पूर्वोत्तर राज्यों में हिंदी को अनिवार्य विषय बनाने का क्यों हो रहा विरोध
हाल ही में भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने हाल में पूर्वोत्तर राज्यों के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य विषय बनाने का प्रस्ताव रखा, लेकिन असम समेत कई राज्यों में उनके इस क़दम का विरोध हो रहा है. हालांकि इस इलाक़े के कई संगठनों ने कहा कि हिंदी को वैकल्पिक विषय के रूप में रखने पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

गृह मंत्री ने हिंदी को ‘भारत की भाषा’ बताते हुए पिछले गुरुवार को कहा था कि पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों ने दसवीं क्लास तक के स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य करने पर सहमति जताई थी।

आपकों बता दें कि अमित शाह संसदीय राजभाषा समिति के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा था कि उत्तरपूर्व के इन आठ राज्यों में हिंदी पढ़ाने के लिए 22 हज़ार शिक्षक बहाल किए गए हैं। शाह ने यह भी बताया था कि पूर्वोत्तर के नौ आदिवासी समुदायों ने अपनी बोलियों की लिपि को बदलकर देवनागरी में बदल लिया है।