आजीविका अवसरों के साथ जुड़े “वहनीय” स्टार्ट-अप्स भारत के भविष्य की अर्थव्यवस्था की कुंजी होंगे: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
केंद्रीय मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने गोवा के पणजी में भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान उत्सव (आईआईएसएफ-2021) के सातवें संस्करण का उद्घाटन किया, जहां उन्होंने “वहनीय” स्टार्ट-अप्स पर जोर दिया और कहा कि आजीविका अवसरों के साथ जुड़े स्टार्ट-अप्स में स्थायित्व भारत के भविष्य की अर्थव्यवस्था की कुंजी है।
भारत की वर्तमान आबादी में शामिल 70 प्रतिशत से अधिक युवाओं को देश की सबसे बड़ी परिसंपत्ति बताते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि जैसे हम सतत लक्ष्यों पर जोर देते हैं, समय आ गया है कि वहनीय स्टार्ट-अप्स पर भी जोर दिया जाए।
उपस्थित जन-समूह को संबोधित करते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने युवाओं से कृषि, डेयरी, पशुपालन, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, फार्मा, लॉजिस्टिक्स एवं नवोन्मेषी स्टार्ट-अप्स परितंत्र के माध्यम से अपशिष्ट से संपदा जैसे सेक्टरों में अवसरों की खोज द्वारा आजीविका के वैकल्पिक स्रोतों का सृजन करने के बारे में सोचने के लिए सही प्रकार की प्रवृत्ति की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी के साथ लोगों के जीवन को सरल बनाते हुए स्टार्ट-अप्स न केवल श्रेणी-3 और 4 के बाजारों में फल-फूल रहे हैं, बल्कि रोजगार के विशाल अवसरों का सृजन करते हुए ग्रामीण लोगों तथा ग्राहकों के जीवन को भी प्रभावित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत को उन्नत समाधानों तथा सेवाओं के साथ जोड़ते हुए, ये स्टार्ट-अप्स डिजिटल इंडिया अभियान के लिए नवोन्मेषी तथा त्वरित कार्यक्रमों के रूप में उभर रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, 4-दिवसीय आईआईएसएफ 2021 की थीम ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ – एक समृद्ध भारत के लिए रचनात्मकता, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवोन्मेषण का समारोह है। उन्होंने कहा, भारत अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का समारोह मना रहा है और यह अगले 25 वर्षों के लिए वैज्ञानिक प्रगति की रूपरेखा तैयार करने का समय है, जब भारत अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी वर्षगांठ मनाएगा।
डॉ जितेंद्र सिंह ने युवाओं को “विज्ञान उत्सव” में भाग लेने और 2024-25 तक भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नवोन्मेषी स्टार्ट-अप्स के माध्यम से नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विज्ञान न केवल अनुसंधान का एक विषय है, बल्कि इसने उत्सव के आयाम ग्रहण कर लिए हैं और युवाओं को आलोचनात्मक सोच के लिए प्रेरित करने के लिए भारत के हर शहर और गांव में विज्ञान महोत्सव मनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि विज्ञान महोत्सव का मुख्य उद्देश्य लोगों द्वारा नवोन्मेषणों का उपयोग करना और ऐसी प्रौद्योगिकी विकसित करना है जो आम लोगों के लिए किफायती हो।
उद्घाटन समारोह में कुछ मुख्य कार्यक्रमों में साइंस विलेज, पारम्परिक शिल्प तथा कारीगरों की बैठक, खेल एवं खिलौने, वैश्विक भारतीय वैज्ञानिक एवं टेक्नोक्रेट्स फेस्ट, ईसीओ-फेस्ट, न्यू एज टेक्नोलॉजी और मेगा साइंस एंड टेक्नोलॉजी एक्सपो शामिल हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान उत्सव (आईआईएसएफ) की श्रृंखला भारत में सतत विकास और नई प्रौद्योगिकीय नवोन्मेषणों के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण के दायरे को विकसित करने तथा व्यापक बनाने में भारत के दीर्घकालिक दृष्टिकोण का एक अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा, इसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उन्नति के माध्यम से ग्रामीण भारत के लिए एक कार्यनीति का निर्माण करना भी है।
मंत्री ने सूचित किया कि आईआईएसएफ ज्ञान और विचारों के आदान-प्रदान के लिए भारत भर के युवा छात्रों, वैज्ञानिकों और प्रौद्योगिकीविदों को एक मंच प्रदान करेगा तथा पिछले सात वर्षों में प्रधानमंत्री द्वारा आरंभ किए गए ‘स्वच्छ भारत अभियान’, स्वस्थ भारत अभियान ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्मार्ट विलेज’, ‘स्मार्ट सिटीज’ ‘नमामि गंगे’, ‘उन्नत भारत अभियान’ जैसे प्रमुख कार्यक्रमों का समर्थन भी करेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस वर्ष भारत स्वतंत्रता के 75वें वर्ष को आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसे मनाने के लिए पांच स्तम्भों के विचार दिए हैं, जो आईआईएसएफ 2021 में विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से प्रतिबिंबित होंगे।
भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान उत्सव (आईआईएसएफ) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और विज्ञान भारती (विभा) का एक संयुक्त कार्यक्रम है, जो भारत का एक स्वदेशी आंदोलन है। आईआईएसएफ का पहला कार्यक्रम वर्ष 2015 में आयोजित किया गया था और इस वार्षिक कार्यक्रम का छठा संस्करण वर्ष 2020 में आयोजित किया गया था। आईआईएसएफ का मुख्य उद्देश्य भारत और दुनिया भर में लोगों के साथ मिलकर विज्ञान का समारोह मनाना है।