पुलिस चेकपॉइंट पर न रुकने की वजह से तालिबान ने महिला डॉक्टर की ले ली जान, हाल ही में हुई थी शादी

दुनिया से खुद के साथ नरमी बरतने की अपील करने वाला तालिबान अपने ही नागरिकों के कितना बेहरमी से पेसाता है इस बात का अंदाज़ा इससे ही आगा सकते हैं कि चेकपॉइंट पर एक युवा महिला डॉक्टर की न रुकने के कारण से तालिबानियों में 33 साल की डॉक्टर की गोली मारकर बेरहमी से हत्या कर दी। स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार यह हमला अफगानिस्तान के हेरात प्रांत का है।
मीडिया से बातचीत के दौरान मृतक के परिवार ने बताया कि डॉक्टर को पुलिस चेकप्वाइंट पर रुकने के लिए कहा गया था। चेकपॉइंट पर न रुकने पर वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने 33 वर्षीय अमरुद्दीन नूरी पर गोली चला दी जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सूत्रों के अनुसार महिला डॉक्टर एक छोटा निजी मेडिकल क्लिनिक चलाती थी और उनकी हाल ही में शादी हुई थी।
आपको बता दें, 15 अगस्त को तालिबान ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी सत्ता स्थापित की है। तालिबान ने सत्ता में आते ही दावा किया था कि अफगानियों के जीवन की रक्षा करेगा। हालांकि, असल मे हालात उससे उलट है। तालिबान के सत्ता में आते ही अफगानियों पर क्रूरता के मामले आम हो गए हैं। यहाँ तक कि पत्रकारों और महिलाओं से मारपीट के साथ के भी कई मामले सामने आ चुके हैं। पिछली सरकार गिरने के बाद विदेशी श्रमिकों और अफगान सहयोगियों की सामूहिक निकासी अब भी जारी है।
इससे पहले, तालिबान ने अफगानिस्तान के लोगों को और उनके संपत्ति की सुरक्षा का आश्वासन दिया था। मगर इस तरह की घटना तालिबान के दावों के झूठा साबित करती है।
बात दें, काबुल के तालिबान के हाथों में जाने और पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार गिरने के बाद से देश संकट में है।