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अफीम की खेती नहीं होने देगा तालिबान, कंधार समेत अफगानिस्तान के कई इलाकों में जारी किया फरमान

तालिबान ने अफगानिस्तान के कई गांवों में ये फरमान किसानों को सुना दिया है कि अब वह अफीम की खेती ना करें, क्योंकि इसे देश में बैन किया जा रहा है। वॉल स्ट्रीट जरनल की खबर के मुताबिक, कंधार और आसपास के इलाके में सबसे ज्यादा अफीम की खेती की जाती हैं, यहां पर अब किसानों को इसे रोकने के लिए कह दिया गया है।

तालिबान का ये फैसला इसलिए भी हैरान करता है क्योंकि लंबे वक्त तक वह खुद ही इस बिजनेस का सबसे बड़ा हिस्सेदार रहा है। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के अलग -अलग हिस्सों में अफीम की खेती पर वसूली की जाती थी। ये तालिबान की कमाई का बड़ा जरिया था।

वॉल स्ट्रीट जरनल की खबर के मुताबिक, कंधार और आसपास के इलाके में सबसे ज्यादा अफीम की खेती की जाती हैं। यहां पर अब किसानों को इसे रोकने के लिए कह दिया गया है। उन्होंने किसानो को कहा है कि अब वह अफीम की खेती ना करें, क्योंकि इसे देश में बैन किया जा रहा है। तालिबान के इस फरमान का असर दिखना शुरू हो गया है। अफगानिस्तान के बाज़ार में अफीम का रेट बढ़ गया है। क्योंकि लोगों को पता है कि आगे अफीम का कोई भविष्य नहीं है।

बता दें कि तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ज़िक्र किया था कि तालिबान के राज में ड्रग्स को इजाजत नहीं मिलेगी।

जानकारी के मुताबिक, तालिबान के इस फरमान के बाद अफीम का दाम 70 डॉलर प्रति किग्रा. से सीधा 200 डॉलर प्रति किग्रा. तक पहुंच गया है। लोगों में तालिबान के इस नए फैसले को लेकर नाराजगी है। लेकिन उनके सामने कोई रास्ता नहीं है। अमेरिका ने भी लंबे वक्त तक अफगानिस्तान में अफीम की खेती को कम करने की कोशिश की थी, लेकिन वो सफल नहीं हो पाया था। अफगानिस्तान से बड़ी मात्रा में अफीम दूसरे देशों में सप्लाई की जाती है।