तमिलनाडु चुनाव: द्रमुक ने इतनी कम सीटें दी कि रो पड़े कांग्रेस अध्यक्ष
देश भर में कांग्रेस की गिरती साख का नुकसान कांग्रेस को आनेवाले तमिलनाडु चुनाव में भी उठाना होगा। मालूम हो कि द्रमुक गठबंधन में उसे सिर्फ 25 सीटें दी गई है। बात करे सिर्फ पिछले दो चुनावों की तो तमिलनाडु में कांग्रेस को दी जाने वाली सीटों की संख्या में दो – तिहाई की कमी देखने को मिली है। 2011 के तमिलनाडु चुनाव में कांग्रेस 63 सीटों पर मैदान में थी वहीँ 2016 में कांग्रेस को मिली हुई सीटों की संख्या 41 रह गई थी। इस बार कांग्रेस को सिर्फ 25 सीटें दी गई है, जिस वजह से स्थानीय कांग्रेस के नेता हताश और उदास नज़र आ रहे हैं।
कांग्रेस को इतनी कम सीटें मिलने की सबसे बड़ी वजह देश भर में उसके प्रदर्शन में आ रही गिरावट है। कांग्रेस ने बबीतें दस सालों में दो लोकसभा चुनाव और कई विधानसभा चुनाव हार चुकी है। वहीं अगर बात की जाए तमिलनाडु की तो 2011 में जहाँ कांग्रेस को 63 में से सिर्फ पांच सीटें मिली थी वहीं 2016 में कांग्रेस को 41 में से सिर्फ 8 सीटों पर जीत दर्ज हुई थी।
डीएमके से मिले अपमान पर रो पड़े थे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीएमके की ओर से किए गए अपमान का जिक्र करते हुए भावुक हो गए थे। यह वाकया शुक्रवार शाम को हुई कांग्रेस पार्टी की आंतरिक मीटिंग का है। कांग्रेस की कार्यकारी बैठक के दौरान डीएमके की ओर से किए बर्ताव का जिक्र करते हुए वह भावुक हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष केएस अलागिरी ने कहा कि हमारे मेंबर्स से इतर जिस तरह उन्होंने सीनियर लीडर ओमान चांडी के साथ बर्ताव किया। उसने मुझे दुख पहुंचाया। सूत्र ने बताया, ‘कांग्रेस की कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुए केएस अलागिरी की आंखों में आंसू गए और कहा कि सीट शेयरिंग के मामले में डीएमके ने कांग्रेस का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि मैं अपनी जिंदगी में कभी इस तरह शर्मसार नहीं हुआ था।
कुल 48 सीटों पर सहमति बनी
द्रमुक अपने सहयोगियों को 48 सीटें आवंटित कर चुकी है। कांग्रेस को 25 तो एमडीएमके, वीसीके और माकपा को छह-छह सीटें, जबकि आईयूएमएल को तीन तथा मनिठान्या मक्कल काची को दो सीटें दी गई हैं।
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