तेजस्वी यादव बोले- प्रधानमंत्री से वक्त नहीं मिला, तो कहीं न कहीं यह सीएम का अपमान
बिहार में जातिगत जनगणना अब राजनीति के लिए बड़ा मुद्दा बन चुका है। केंद्र सरकार ने जाति आधारित जनगणना करने से इनकार कर दिया लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए से अलग पक्ष रखा है और जातीय जनगणना को लोगों के हित का बताया है। सीएम नीतीश ने केंद्र सरकार से प्रस्ताव पर पुनर्विचार की मांग की है। नीतीश कुमार का कहना है कि जातिगत जनगणना को लेकर उनके पत्र का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है।
इस पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भी केंद्र सरकार पर सवाल उठाया है। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि जातिगत जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री ने 4 तारीख को पत्र लिखकर प्रधानमंत्री से समय मांगा है। आज लगभग 1 हफ्ते से ज्यादा हो चुका है लेकिन अब तक प्रधानमंत्री द्वारा हम लोगों को समय नहीं मिला है। हमलोगों ने पिछले मानसून सत्र में सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग रखी थी।
तेजस्वी यादव ने आगे कहा कि आज हमने भी प्रधानमंत्री को एक चिट्ठी लिखा है। हमने इसमें समय मिलने के लिए गुहार लगाया है। एक हफ्ते से अगर समय नहीं मिल रहा है तो कहीं न कहीं ये मुख्यमंत्री का अपमान है। अगर सबसे अनुभवी मुख्यमंत्री को मिलने का समय पीएम नही दे रहे तो यह हैरान करने वाला है।
बता दें कि तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए चिट्ठी शेयर किया है और लिखा कि अगर जातीय जनगणना नहीं कराई गई तो वंचित उपेक्षित व गरीब जातियों की शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति का सही आंकलन नहीं हो पाएगा और ना ही उनकी वर्तमान दयनीय स्थिति में परिवर्तन।
जातिगत जनगणना की माँग को लेकर आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को पत्र लिखा है।
अगर जातीय जनगणना नहीं कराई गई तो वंचित उपेक्षित व गरीब जातियों की शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति का सही आंकलन नहीं हो पाएगा और ना ही उनकी वर्तमान दयनीय स्थिति में परिवर्तन। pic.twitter.com/dnlWOoHDPO
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) August 13, 2021
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी ये भी मांग थी कि अगर केंद्र सरकार मना करती है तो राज्य सरकार कर्नाटक राज्य की तर्ज पर ऐलान करे कि वो जातिगत जनगणना कराएगी।
तेजस्वी यादव ने कहा कि हमलोगों ने बिहार विधानसभा से दो बार इस मुद्दे पर प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा है। इसके बावजूद भी इस मुद्दे पर कुछ नहीं किया गया।