टेली लॉ से अबतक 6 लाख 70 हजार से अधिक लाभार्थियों कोफायदा हुआ, सालाना स्तर पर और विशेषकर कोविड के समय में इसमें 331प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई
न्याय विभाग ने “आज़ादी का अमृत महोत्सव” का आगाज करते हुए 12 मार्च, 2021 को टेली लॉ पर “वॉयस ऑफ द बेनिफिशरीज़” का दूसरा संस्करण जारी किया।
केन्द्रीय विधि और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसकी प्रस्तावना में कहा है कि न्याय विभाग की ओर से शुरू किया गया टेली लॉ कार्यक्रम पूरी तरह से महात्मा गांधी की उस सोच के अनुरूप है जिसके तहत वह चाहते थे कि “हर आंख का आंसू पोंछा जाना चाहिए”। उन्होंने कहा कि टेली लॉ गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को मुकदमों के शुरुआती चरण में मुफ्त रूप से कानूनी सहायता उपलब्ध कराने का एक सशक्त तंत्र है।
टेली-लॉ कार्यक्रम वर्तमान में 27 राज्यों और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जैसे दो केन्द्र शासित प्रदेशों के 285 जिलों (115 आकांक्षी जिलों सहित) में 29,860 कॉमन सर्विस सेंटरों (सीएससी) के माध्यम से चलाया जा रहा है। यह कार्यक्रम सीएससी में उपलब्ध ई-इंटरफेस प्लेटफॉर्म के माध्यम से जरूरतमंद और वंचित लोगों को वकीलों के पैनल से जोड़ता है। टेली-लॉ के माध्यम से अबतक 6 लाख 70 हजार से अधिक लाभार्थियों को फायदा हुआ है। इसमें सालाना स्तर पर और विशेषकर कोविड के समय में 331 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
ई-पुस्तक के रूप में संकलित “वॉयस ऑफ द बेनिफिशरीज़” दरअसल टेली लॉ कार्यक्रम से उम्मीद रखने वाले तथा इससे लाभ उठा चुके लाभार्थियों की अपेक्षाओं और अनुभवों को संकलित करने का न्याय विभाग का एक प्रयास है। ये एक ऐसी मजबूत अंतर्दृष्टि और मानवीय प्रतिक्रिया तंत्र को दर्शाता है जो सबको न्याय दिलाने की प्रक्रिया की सोच के साथ कार्यक्रम में निहित है। इस संकलन में अन्याय से लड़ने, संपत्ति विवादों के समाधान, कोविड से परेशान लोगों को राहत, सूचनाओं के साथ लोगों को सशक्त बनाने, प्रक्रियागत बाधाओं को दूर करने और पारिवारिक विवादों के समाधान जैसे छह क्षेत्रों में कानूनी सलाह उपलब्ध कराने की सुविधा दी गई है।इस कार्यक्रम के माध्यम से लाभार्थियों को सौहार्दपूर्ण रूप से तनावपूर्ण वैवाहिक संबंधों को सुलझाने में सहायता करने; दुष्कर्म के मामलों में मुआवजे का दावा करने, बाल विवाह के खिलाफ कानूनी लड़ाई को आसान बनाने; सरकारी योजनाओं का लाभ लेने, भविष्य निधि के तहत पात्रता प्राप्त करने; गैरकानूनी अतिक्रमण के मामलों के समाधान, संपत्ति विवादों को हल करने और ई- कोर्ट्स ऐप आदि के तहत एफआईआर या ट्रैकिंग के मामले को दर्ज करने के बारे में मदद हासिल करने की सुविधा दी गई है। टेली लॉ कार्यक्रम कानूनी वालंटियर्स, ग्रामीण स्तर के प्रतिनिधियों और वकीलों के पैनल के माध्यम से व्यापक लोकसंपर्क के जरिए आखिरी व्यक्ति तक कानूनी मदद पहुंचाने का काम कर रहा है।
टेली-लॉ कार्यक्रम सहायता पहुंचाने की प्रक्रिया में अभूतपूर्व बदलाव लेकर आया है। अगले पांच वर्षों में इस कार्यक्रम को देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 2 लाख 50 हजार ग्राम पंचायतों तक विस्तार देने का प्रस्ताव है। इस कार्यक्रम में हर साल 50,000 ग्राम पंचायतों को जोड़ा जाएगा। यह उम्मीद की जाती है कि अगले पांच वर्षों में टेली-लॉ कार्यक्रम मुकदमों के पूर्व सलाह की सुविधा देने के लिए 90 लाख से ज्यादा लाभार्थियों तक अपनी पहुंच बना लेगा।