ईमानदार सरकार बताने वाले मुख्यमंत्री केजरीवाल के “दिल्ली मॉडल” का हाल बेहाल
(AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) अक्सर आपको अपनी पार्टी की अच्छाइयां और काम गिनाते मिल ही जाते है । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हिसाब से उनकी पार्टी काम के नाम पर वोट मांगती है।
बता दें कि उन्होंने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली मॉडल (Delhi Model) का मतलब ईमानदार सरकार है और हिमाचल प्रदेश को भी एक ‘ईमानदार सरकार’ मिलेगी। केजरीवाल ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Himachal Pradesh CM Jairam Thakur) के “दिल्ली का मॉडल हिमाचल में स्वीकार्य नहीं” टिप्पणी का जवाब देते हुए यह बात कही।
केजरीवाल ने कहा, “दिल्ली मॉडल का मतलब ईमानदार सरकार है। जयरामजी कहते हैं कि हिमाचल प्रदेश में एक ईमानदार सरकार नहीं हो सकती, क्योंकि हिमाचल की सामाजिक और राजनीतिक स्थितियां अलग हैं? जयरामजी यह सवाल परिस्थितियों का नहीं बल्कि इरादे का है। आपका इरादा स्पष्ट है। अब AAP पंजाब और दिल्ली की तरह हिमाचल प्रदेश में भी ईमानदार सरकार देगी।
क्या है केजरीवाल सरकार कि सच्चाई ?
केजरीवाल जिस दिल्ली मॉडल की बात करते हैं क्या वह सच में जमीनी स्तर पर उतना ही अच्छा है? जितना की मुख्यमंत्री केजरीवाल के भाषणों में सुनने को मिलता है?
बता दें कि सरकारें अपनी नाकामी को छुपाने के लिए चिकनी चुपड़ी बातों का खूब इस्तेमाल करती हैं, और मुख्यमंत्री केजरीवाल इस काम में माहिर लगते हैं। शायद इसलिए वों लोगों को अपने शब्दों के जाल में आसानी से फंसा लेते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि दिल्ली में कुछ कार्य किए गए है पर इसका ये बिल्कुल मतलब नहीं है कि इस मॉडल से दिल्ली की जनता बेहद खुश है।
केजरीवाल सरकार की कई योजनाएं सिर्फ कागज पर ही अच्छी लगती हैं पर हकीकत में ये योजनाएं विफल रहीं हैं जैसे की मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना, फ्री वॉटर स्कीम, फ्री वैक्सीन, आंगनवाड़ी, आशा वर्कर के लिए शुरू की गई योजना और बिजली बिल माफी योजना। बिजली बिल फ्री होने के बावजूद लोगों को भारी बिल भरना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल की ये बेतुकी बातें
मुख्यमंत्री केजरीवाल जिस दिल्ली मॉडल को हर राज्य में लागू करने की बात करते हैं जो शायद अभी दिल्ली में भी अच्छे से लागू नहीं हो पाया है। केजरीवाल की इस प्रस्तावना पर आप गौर फरमाएगे तो आपको ये बात थोड़ी बेतुकी लगेगी।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने जो बात कही, उस पर ध्यान देने पर यह पता चलता है कि उनकी बातों का मतलब सीधा और स्पष्ट है, हिमाचल की सामाजिक और राजनीतिक स्थितियां दिल्ली से अलग हैं इसी वजह से दिल्ली मॉडल को हिमाचल में नहीं लागू किया जा सकता ।
गौरतलब है कि हर प्रदेश का अपना मॅाडल वहां के सामाजिक,राजनीतिक और अन्य चीजों को देख कर तैयार किया जाता है, ना कि किसी अन्य राज्य का मॉडल बिना किसी समानता के बस लागू कर दिया जाए।