वर्ष 2023-24 के बजट में रक्षा क्षेत्र को 5.94 लाख करोड़ रुपये मिले, जोकि पिछले साल की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है
सशस्त्र बलों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए युद्ध की तैयारी वाली अवस्था में रहना होता है। उस दिशा में, गैर-वेतन राजस्व परिव्यय को बजट अनुमान (बीई) 2022-23 में 62,431 करोड़ रुपये से बढ़ाकर बजट अनुमान 2023-24 में 90,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जोकि 44 प्रतिशत की बढ़ोतरी को इंगित करता है। इस व्यय से लड़ाकू क्षमताओं में महत्वपूर्ण अंतराल को पाटने और सेना को गोला-बारूद, हथियारों और संपत्तियों के रख-रखाव, सैन्य भंडार आदि के संदर्भ में समुचित रूप से लैस किए जाने की उम्मीद है। इस बजट ने पूंजीगत परिव्यय में वृद्धि के रुझान को जारी रखते हुए रक्षा सेवाओं के आधुनिकीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास पर भी जोर दिया है।
वित्त वर्ष 2023-24 के केन्द्रीय बजट में कुल 45,03,097 करोड़ रुपये के परिव्यय की परिकल्पना की गई है। इसमें से रक्षा मंत्रालय को कुल 5,93,537.64 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जोकि कुल बजट का 13.18 प्रतिशत है। इसमें रक्षा पेंशन के लिए 1,38,205 करोड़ रुपये की राशि शामिल है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट की तुलना में इस वर्ष का रक्षा बजट कुल 68,371.49 करोड़ रुपये (13 प्रतिशत) की वृद्धि दर्शाता है।
गैर-वेतन/सामरिक आवंटन में वृद्धि
वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए रक्षा सेवाओं की सामरिक तैयारी के उच्च स्तर को बनाए रखने की दिशा में सरकार के संकल्प और जोर को ध्यान में रखते हुए, इस मद के तहत बजटीय परिव्यय के साथ गैर-वेतन राजस्व/सामरिक आवंटन में 27,570 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है। इस मद में आवंटन बजट अनुमान 2022-23 में 62,431 करोड़ रुपये से बढ़कर बजट अनुमान 2023-24 में 90,000 करोड़ रुपये हो गया है। यह बेड़े की सेवाक्षमता को बढ़ाने; महत्वपूर्ण गोला-बारूद और पुर्जों की आपातकालीन खरीद को संभव बनाने; जरूरतों के अनुरूप क्षमता संबंधी अंतराल को पाटने के लिए उत्कृष्ट क्षमताओं की खरीद/किराए पर लेना संभव बनाने; अन्य बातों के अलावा सैन्य भण्डारों के भंडारण, अग्रिम मोर्चे की सुरक्षा को मजबूत करने सहित हथियार प्रणालियों, जहाजों/विमानों और उनके लॉजिस्टिक्स सहित विभिन्न प्लेटफार्मों के रख-रखाव को पूरा करेगा।
गैर-वेतन राजस्व मद में इस वृद्धि की भूमिका के रूप में, मध्यावधि समीक्षा के दौरान भी सरकार ने चालू वित्त वर्ष के सामरिक आवंटन में 26,000 करोड़ रुपये की वृद्धि की थी, जोकि वर्तमान आवंटन का 42 प्रतिशत है। संशोधित अनुमान 2022-23 में इस अभूतपूर्व वृद्धि ने चालू वर्ष के दौरान संपूर्ण कैरी ओवर देनदारियों का परिसमापन सुनिश्चित किया है जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सेना के अगले वर्ष के सामरिक परिव्यय में कोई कमी न आए।
बजट में बढ़ाए गए इस आवंटन से अग्निवीरों के लिए प्रशिक्षण सहायता एवं सिमुलेटर भी उपलब्ध होंगे और यह सुनिश्चित होगा कि वे रक्षा बलों में शामिल होने के लिए प्रशिक्षण के निर्धारित मानकों को हासिल कर सकें।
केंद्रीय बजट 2023 में आधुनिकीकरण और अवसंरचना विकास पर जोर को जारी रखा गया है:
केंद्रीय बजट 2023-24 में, पूंजी निवेश परिव्यय को लगातार तीसरे वर्ष बढ़ाते हुए, 33 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत होगा। यह 2019-20 के परिव्यय का लगभग तीन गुना होगा।
तदनुसार, रक्षा सेवाओं के आधुनिकीकरण और अवसंरचना विकास से संबंधित पूंजी आवंटन को बढ़ाकर 1,62,600 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो वित्त वर्ष 2022-23 की तुलना में 10,230 करोड़ रुपये (6.7%) अधिक है। साथ ही, 2019-20 से पूंजीगत बजट में 59,200 करोड़ रुपये (57%) की वृद्धि की गई है। यह बढ़ोत्तरी, रक्षा सेवाओं के आधुनिकीकरण और अवसंरचना विकास के क्षेत्र में सतत वृद्धि के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है।
• रक्षा मंत्रालय सीमावर्ती क्षेत्रों, विशेष रूप से उत्तरी सीमाओं में अवसंरचना को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। तदनुसार, सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) का पूंजी बजट वित्त वर्ष 2022-23 के 3,500 करोड़ रुपये के मुकाबले वित्त वर्ष 2023-24 में 43% बढ़ाकर 5,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। साथ ही वित्त वर्ष 2021-22 से दो साल में इस मद के लिए आवंटन दोगुना हो गया है। इससे सीमा अवसंरचना को बढ़ावा मिलेगा, जिससे सेला सुरंग, नेचिपु सुरंग और सेला-छबरेला सुरंग जैसी रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण परिसंपत्तियों का निर्माण होगा और सीमा-संपर्क भी बढ़ेगा।
सशस्त्र बलों के क्षमता-निर्माण के साथ-साथ भारत के आत्मनिर्भरता मिशन को बढ़ावा देने के लिए अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी विकास की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए रक्षा में अनुसंधान और विकास को मजबूत करने की दिशा में, 2023-24 (बजट अनुमान) के लिए 23,264 करोड़ रुपये के कुल आवंटन के साथ डीआरडीओ के आवंटन में 9% की वृद्धि की गई है।
– नवाचार को और बढ़ावा देने, प्रौद्योगिकी विकास को प्रोत्साहित करने और देश में रक्षा औद्योगिक इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए, आईडेक्स और डीटीआईएस को क्रमशः 116 करोड़ रुपये और 45 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो 2022-23 की तुलना में आईडेक्स के लिए 93% और डीटीआईएस के लिए 95% की वृद्धि को दर्शाते हैं। यह देश भर में मेधावी युवाओं के विचारों का लाभ उठाने के रक्षा मंत्रालय के विज़न को पूरा करेगा।
– केंद्रीय बजट 2023-24 में स्टार्ट-अप और शिक्षा जगत द्वारा नवाचार और अनुसंधान को प्रोत्साहन देने के लिए एक राष्ट्रीय डेटा शासन नीति की घोषणा की गयी है। यह अज्ञात डेटा तक पहुंच को सक्षम करेगी, जिससे रक्षा स्टार्ट-अप एवं आईडेक्स योजना को और बढ़ावा मिलेगा।
– केंद्रीय बजट 2023-24 में एमएसएमई के लिए संशोधित ऋण गारंटी योजना की भी घोषणा की गई है, जो 9,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक निधि के साथ 1 अप्रैल 2023 से से प्रभावी होगी। यह 2 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त गिरवी-मुक्त गारंटीकृत ऋण को सक्षम करेगी। इसके अलावा, ऋण की लागत में भी लगभग 1 प्रतिशत की कमी की गई है। यह योजना रक्षा क्षेत्र से जुड़े एमएसएमई को और बढ़ावा देगी।
हमारे सम्मानित पूर्व सैनिकों के लिए ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ को व्यापक रूप से बढ़ाने के लिए बजटीय प्रावधान
• वित्त वर्ष 2023-24 में रक्षा पेंशन बजट में 15.5% की उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की गई है। ये राशि बजट अनुमान 2023-24 में 1,38,205 करोड़ रुपये है, वहीं बजट अनुमान 2022-23 में ये राशि 1,19,696 करोड़ रुपये थी। इसके अलावा, संशोधित अनुमान 2022-23 के लिए 1,53,415 करोड़ रुपये के आवंटन में 28% की महत्वपूर्ण बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो कि 33,718 करोड़ रुपये के बराबर है। इसमें 28,138 करोड़ रुपये की राशि भी शामिल है ताकि वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) के तहत सशस्त्र सेना पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों में संशोधन के कारण पैदा हुई जरूरत को पूरा किया जा सके।
• हमारे पूर्व सैनिकों की ओर चिकित्सा सेवा आउटरीच को बढ़ाने को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता के चलते रक्षा बजट 2023-24 में पूर्व सैनिकों की अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के लिए 52% की उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है। इसमें वित्त वर्ष 2023-24 में 5431.56 करोड़ रुपये का बजट अनुमान आवंटन किया गया है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में ये 3582.51 करोड़ रुपये था। ये बढ़ोतरी पूरे भारत में हमारे पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों के लिए ‘कैशलेस स्वास्थ्य सेवाएं’ और बेहतर ‘सर्विस डिलीवरी’ सुनिश्चित करेगी।
अग्निवीरों का कल्याण
• केंद्रीय बजट 2023-24 ने अग्निवीर कोष को एग्जेम्प्ट-एग्जेम्प्ट-एग्जेम्प्ट (ईईई) का दर्जा प्रदान किया है।
कुछ ट्वीट्स के माध्यम से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए विकासोन्मुखी केंद्रीय बजट पेश करने के लिए बधाई दी और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसानों, महिलाओं, हाशिये पर पड़े वर्गों और मध्यम वर्ग को सहायता प्रदान करने को प्राथमिकता दी गई है।
The Union Budget for 2023-24 presented by FM Smt. @nsitharaman under the guidance of PM Shri @narendramodi is focused on growth and welfare, with a priority to provide support to farmers, women, marginalised sections and the middle class.#VanchitonKoVariyata
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 1, 2023
राजनाथ सिंह ने जोर देकर कहा कि ये बजट ऐसी विकास संबंधी और कल्याणकारी नीतियों का समर्थन करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाता है जो समाज के सभी वर्गों को समान रूप से लाभान्वित करेगा जिसमें छोटे व्यवसायों के मालिक, किसान और पेशेवर शामिल हैं।
The Budget demonstrates the government’s commitment towards supporting growth and welfare oriented policies that will benefit all sections of society including small businesses owners, farmers, and professionals alike.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 1, 2023
रक्षा मंत्री ने भरोसा जताया कि केंद्रीय बजट 2023-24 कुछ ही वर्षों में भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और दुनिया की ‘शीर्ष तीन’ अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने के सरकार के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
The Union Budget 2023-24 is expected to bring about positive changes in the country that will lead us towards achieving our goal of becoming a $5 trillion economy and ‘Top Three’ economies within few years.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) February 1, 2023