दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाने के लिए परिवर्तनकारी कार्यक्रम शुरू किए
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कुमारी प्रतिमा भौमिक ने डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर (डीएआईसी) में आज पांच परिवर्तनकारी कार्यक्रमों का अनावरण किया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के जरिये दिव्यांगजनों के जीवन को संवारने के उद्देश्य से जमीनी पहल की शुरुआत की गई है जो उनके समग्र विकास एवं सशक्तिकरण के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
कुमारी प्रतिमा भौमिक द्वारा शुरू की गई पहल में परिवर्तनकारी कार्यों की एक व्यापक श्रृंखला शामिल है जो कहीं अधिक समावेशी समाज के लिए सरकार के अथक प्रयासों को दर्शाती है। ये पहल स्थायी बदलाव लाने और भारत में दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन को बेहतर बनाने का वादा करती हैं। इन कार्यक्रमों से देश भर में दिव्यांगजनों के जीवन को संवारने के लिए उनके अधिकारों को आगे बढ़ाने और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण मिलता है।
राज्य मंत्री कुमारी प्रतिमा भौमिक ने इस प्रयास की सराहना की और जोर देकर कहा कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग का पोर्टल पीएम दक्ष कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगार के अवसर तलाशने वाले दिव्यांग व्यक्तियों के लिए एक व्यापक डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेगा। यह यूडीआईडी के जरिये निर्बाध पंजीकरण, स्थान आधारित कौशल प्रशिक्षण विकल्प, पूरे भारत से रोजगार को सूचीबद्ध करना और प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुगम बनाने की सुविधा प्रदान करता है। इस प्लेटफॉर्म पर एक ही जगह देश भर के दिव्यांगजनों को विभिन्न कंपनियों से रोजगार के अवसर मिल जाएंगे। यह पहल प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण यानी ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ के अनुरूप है।
विशिष्ट विकलांगता पहचान पत्रों का एकत्रित डेटा सार्वजनिक डोमेन में जारी किया गया है। यह डेटा दिव्यांगता, उम्र समूह, दिव्यांगता के प्रकार और स्थान के हिसाब से यूडीआईडी कार्ड जारी करने के विश्लेषण को दर्शाता है। यह डेटा अब data.gov.in पोर्टल और यूडीआईडी पोर्टल पर उपलब्ध है। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव श्री राजेश अग्रवाल ने जोर देकर कहा कि एकत्रित डेटा शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं, विश्लेषकों, पुनर्वास पेशेवरों, राज्य सरकार के अधिकारियों, गैर सरकारी संगठनों, नागरिक समाजों, शिक्षाविदों और कई अन्य लोगों के लिए काफी मददगार साबित होगा। वर्तमान में इस डेटा को जिला स्तर तक वर्गीकृत किया गया है और निकट भविष्य में इसे ब्लॉक स्तर पर वर्गीकृत करने की योजना है। कई गैर सरकारी संगठनों, अनुसंधान संगठनों और राज्य सरकारों ने समय-समय पर भारत में दिव्यांगता पर एक समग्र दृष्टिकोण प्रस्तुत करने का अनुरोध किया है। इन आंकड़ों से विभिन्न स्तरों पर इस प्रकार के सवालों के बारे में जानकारी मिलेगी।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के पांच कार्यक्रम इस प्रकार हैं:
काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर के साथ समझौता ज्ञापन: दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने बैचलर ऑफ आर्किटेक्चर कार्यक्रम के तहत यूनिवर्सल ऐक्सेसिबिलिटी पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर (सीओए) के साथ करार किया है। इसके तहत आर्किटेक्ट एवं सिविल इंजीनियरों के लिए एक प्रमाणित पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा जो उन्हें मौजूदा परिवेश में एक्सेसिबिलिटी ऑडिट करने संबंधी कौशल सिखाएगा। इससे एक्सेसिबिलिटी मानकों का अनुपालन सुनिश्चित होगा।
यूडीआईडी के अज्ञात डेटा को जारी करना: अनुसंधान उद्देश्यों के लिए यूनिक डिसैबिलिटी आईडी (यूडीआईडी) पोर्टल के जरिये दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा गुमनाम डेटा को जारी करना दिव्यांगता क्षेत्र में डेटा आधारित निर्णय लेने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह विभिन्न स्तरों पर अमूल्य अंतर्दृष्टि एवं बेहतर समझ सुनिश्चित करती है और लक्षित हस्तक्षेपों की जानकारी देती है।
पीएम दक्ष पोर्टल: दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने पीएम दक्ष-डीईपीडब्ल्यूडी पोर्टल पेश किया है। यह एक व्यापक डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिसे दिव्यांगजनों को कौशल प्रशिक्षण एवं रोजगार के अवसर तलाशने में सशक्त बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। यह पोर्टल यूडीआईडी के जरिये निर्बाध पंजीकरण, स्थान आधारित कौशल प्रशिक्षण विकल्पों तक पहुंच, पूरे भारत से रोजगार को सूचीबद्ध करने की एक व्यापक श्रृंखला और सुगम प्रशासनिक प्रक्रियाएं प्रदान करता है। कुमारी भौमिक ने इस प्लेटफॉर्म की सेवाओं की सराहना की और उन्होंने देश भर में दिव्यांगों को एमेजॉन जैसी प्रमुख कंपनियों से रोजगार के अवसर प्रदान करने की इसकी क्षमता पर प्रकाश डाला। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के सचिव ने कहा कि विभाग निकट भविष्य में पीएम दक्ष-डीईपीडब्ल्यूडी पोर्टल पर दिव्यांगजनों के लिए 25,000 रिक्तियों को शामिल करने का प्रयास कर रहा है।
ऐक्सेस की राह: दिव्यांगजन अधिकारों पर अदालती फैसले: दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ने दिव्यांगजन अधिकारों से संबंधित भारत के सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के प्रमुख फैसलों को एक पुस्तिका में संकलित किया है। यह दिव्यांग व्यक्तियों एवं इस क्षेत्र के हितधारकों के लिए एक मूल्यवान संदर्भ निर्देशिका के रूप में कार्य करती है।
सीसीपीडी का ऑनलाइन केस मॉनिटरिंग पोर्टल: दिव्यांगजनों के लिए मुख्य आयुक्त (सीसीपीडी) ने दिव्यांग व्यक्तियों की शिकायतों को निपटाने के लिए एक अत्याधुनिक ऐप्लिकेशन का उपयोग शुरू किया है। इससे पूरी प्रक्रिया सुव्यवस्थित, कागज रहित एवं कुशल होगी। इसकी मुख्य विशेषताओं में निर्बाध ऑनलाइन शिकायत दर्ज करना, स्वचालित रिमाइंडर और सुनवाई सरल प्रक्रिया शामिल हैं।
इन पहलों से समावेशिता को बढ़ावा देने, दिव्यांगजन अधिकारों को आगे बढ़ाने और पूरे भारत में दिव्यांग व्यक्तियों के जीवन में सार्थक बदलाव लाने के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की दृढ़ प्रतिबद्धता उजागर होती है। इस अवसर पर डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर के नालंदा हॉल में सभी अधिकारी उपस्थित थे।