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Punjab के “किसान आंदोलन” को लेकर ‘AAP’ और पंजाब के CM का दोहरा चरित्र आया सामने

पंजाब में चल रहे किसान आंदोलन को पंजाब सरकार ने अनचाहा और अनावश्यक करार दिया है। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पंजाब में भी दिल्ली की तर्ज पर किसानों ने आंदोलन की शुरूआत की है। इस आंदोलन को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि “किसानों को नारे मारने के बजाय पानी बचाने की कोशिश करनी चाहिए”। मान ने आगे कहा कि किसानों को मुझे कम से कम एक साल का वक्त देना चाहिए और मुख्यमंत्री से मुलाकात करने का मतलब मुर्दाबाद नहीं होता है।

जब दिल्ली में किसान आंदोलन कि शुरूआत हुई थी तब किसानों के साथ में आम आदमी पार्टी बहुत ऊंचे स्तर पर खड़ी थी, लेकिन जब पंजाब में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन शुरू किया तब आदमी आदमी पार्टी का दोहरा चरित्र सामने देश के सामने दिखाई दिया है।

सीएम मान ने किसानों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि “जब बटाला में पराली जलाने से स्कूली बस का हादसा हो गया। उसमें दो छोटे बच्चों की मौत हो गई। उस समय किसान यूनियन चुप क्यों रहीं”।

किसान नेता का पंजाब सरकार के ऊपर आरोप
किसान नेता हरिंदर लक्खोवाल ने कहा कि “एक महीने पहले हमारी CM भगवंत मान से मुलाकात हुई थी। उन्होंने 10 दिन में मांगें मानने का भरोसा दिया था। इसके बाद न तो मांगें मानी गईं और न ही मान ने मीटिंग के लिए दोबारा वक्त दिया। इसके बाद हमने 17 मई तक का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया।“

कुमार विश्वास ने कसा तंज
कुमार विश्वास ने भी ट्वीट कर साधा पंजाब सरकार के खिलाफ निशाना। उन्होने लिखा कि “पंजाब के किसान मोहाली में पंजाब सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे है… लेकिन पंजाब सरकार ने बेरिकेट लगा दिए….. वैसे में तो ये बता रहा था कि दुनिया गोल है”।

आपको बता दें कि 16 किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चा ने आप के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार खिलाफ प्रदर्शन किया। किसानों के संगठनों द्वारा अनिश्चितकालीन प्रदर्शन के ऐलान के बाद किसानों ने चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर पर धरना भी दिया।

किसानों को रोकने के लिए चंडीगढ़-मोहाली सीमा पर बडी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया। मोहाली पुलिस ने प्रदर्शनकारी किसानों को चंडीगढ़ में प्रवेश करने से रोकने के लिए कई तरह के अवरोधकों को लगाने के साथ-साथ पानी की बौछार करने के लिए वाहनों को भी तैनात किया गया।

क्या मांगे कि गईं आंदोलन में।
• किसानों ने अपनी विभिन्न मांगें सरकार के सामने रखीं, जिनमें से एक मुख्य मांग है कि किसान प्रति क्विंटल गेहूं पर 500 रुपये का बोनस चाहते हैं। ऐसा इसलिए कहा गया है कि अभूतपूर्व गर्मी की स्थिति के कारण उनकी उपज घट गई है और गेहूं के दाने भी सिकुड़ जाते हैं।

• इसके अलावा किसान बिजली के बोझ को कम करने और भूमिगत जल के संरक्षण को लेकर 18 जून से धान की बुवाई की अनुमति देने के लिए कहा।
• 10 जून से धान कि बुवाई और मूंग के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए अधिसूचना भी जारी करवाना चाहते हैं।
• चिप वाले बिजली मीटर लगाने का फैसला रद्द हो।
• बासमती का भाव 4500 रुपए प्रति क्विंटल ऐलान कर नोटिफिकेशन जारी करो।
• भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) में पंजाब के प्रतिनिधि की बहाली करवाओ।
• केंद्रीय पूल से मिलने वाली बिजली को पहले की तरह बहाल करवाओ।
• खेती मोटरों का लोड बढ़ाने के लिए फीस को 4800 से घटाकर 1200 किया जाए।
• 35 रुपए बढ़ोतरी के साथ गन्ने की फसल का बकाया तुरंत अदा करने को भी कहा है।
• कर्जे के कारण किसानों के वारंट और कुर्कियां बंद कि जाएं। बैंकों के लगाए 22 हजार केस वापस लिए जाएं। चुनावी वादे के मुताबिक किसानों का कर्जा माफ हो।
• पंचायती जमीनों के नाम पर आबाद किसानों की जमीनें छीननी बंद हो।
खत्म हुआ किसान आंदोलन और किन बातों पर बनी सहमति
दैनिक भास्कर कि रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब में शुरू हुआ किसान आंदोलन खत्म हो चुका है। चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर करीब दो घंटे चली मीटिंग में आंदोलन पर डटे किसान यूनियनों के नेताओं और CM भगवंत मान के बीच मांगो को लेकर सहमति बन गई। देखिए आंदोलन को लेकर किन मांगो को माना गया।
• धान की बुजाई के लिए पूरे पंजाब को 2 जोन में बांटा गया है। जोन किसान नेता बनाकर देंगे। 14 और 17 जून को यहां बिजाई होगी। सेम और बॉर्डर पार किसान 10 जून के बाद धान लगा सकेंगे। बिजली 3 दिन पहले से मिलनी शुरू हो जाएगी।
• मूंग पर MSP का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। बासमती और मक्की की MSP के लिए मान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिल रहे हैं। मक्की पर मान सरकार हर हाल में MSP देगी।
• गेहूं के बोनस के लिए भी अमित शाह से मुलाकात होगी। किसान 500 रुपए प्रति एकड़ बोनस मांग रहे हैं।
• पंचायती जमीनें जो किसानों ने आबाद की हैं। उन पर कब्जे को लेकर 23 मई को किसान नेताओं से मीटिंग होगी। यह मीटिंग ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री कुलदीप धालीवाल करेंगे।
• किसानों की कर्जा कुर्की और वारंट के लिए पंजाब सरकार के अफसर नहीं जाएंगे।


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