अंतरिम बजट मोदी जी की गारंटी का आईना दिखाने वाला है- केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने आज संसद में पेश अंतरिम बजट पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि यह बजट भारत को तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी का दर्पण है। उन्होंने कहा कि यह अंतरिम बजट देश के किसानों, गरीबों, महिला शक्ति और युवा शक्ति की प्रगति का प्रतिबिंब है क्योंकि मोदी सरकार ने उनके विकास का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों से निश्चित रूप से हमारे किसानों का जीवन स्तर ऊंचा उठेगा।
मुंडा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संकल्प लिया है कि गरीबों, महिलाओं, युवाओं और किसानों की आवश्यकताएं, आकांक्षाएं और कल्याण हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि अंतरिम बजट में सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास-सबका प्रयास की भावना झलकती है। मुंडा ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में किसानों के कल्याण के लिए एक के बाद एक कई ठोस कदम उठाए गए हैं। इनमें प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना बहुत महत्वपूर्ण है, जिसके अंतर्गत अब तक 11.80 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिला है और बिना बिचौलियों के किसानों के बैंक खातों में लगभग 2.81 लाख करोड़ रुपये पूर्ण पारदर्शिता के साथ जमा किए गए हैं। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के माध्यम से लगभग 4 करोड़ किसानों को सुरक्षा कवच भी प्रदान किया गया है। इसी प्रकार, किसानों के लाभ के लिए 1361 ई-एनएएम मंडियां शुरू की गई हैं, जिन पर अब तक 3 लाख करोड़ रुपये का व्यापार पंजीकृत किया गया है। इस प्रकार की कई अनेक योजनाएं लागू की गई हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर तिलहन अभियान सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। मुंडा ने कहा कि वर्ष 2022 में घोषित पहल के आधार पर सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने की रणनीति तैयार की जाएगी। इसमें अधिक उपज देने वाली किस्मों के लिए अनुसंधान, आधुनिक कृषि तकनीकों को व्यापक रूप से अपनाना, बाजार संपर्क, खरीद, मूल्य संवर्धन और फसल बीमा शामिल होंगे। मुंडा ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों की सहायता करते हुए, एकत्रीकरण, आधुनिक भंडारण, कुशल आपूर्ति श्रृंखला, प्राथमिक और माध्यमिक प्रसंस्करण और विपणन तथा ब्रांडिंग सहित फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी-सार्वजनिक निवेश को प्रोत्साहन प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी (उर्वरक) का विस्तार किया जाएगा। मुंडा ने कहा कि डेयरी किसानों को समर्थन देने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री महोदय ने कहा कि मत्स्य पालन को प्रोत्साहन देते हुए 5 एकीकृत एक्वा पार्क स्थापित किए जाएंगे, जबकि प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाया जाएगा।
अर्जुन मुंडा ने कहा कि पिछले एक दशक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश तेजी से प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में इसका विस्तार से जिक्र किया है। मुंडा ने कहा कि सरकार ने जनता पर कोई टैक्स का बोझ नहीं डाला है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था में विस्तृत सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि देश की जनता आशा भरी नजरों से उज्जवल भविष्य की ओर देख रही है। उन्होंने कहा कि सबके लिए आवास जैसी महत्वाकांक्षी योजना इस मायने में उल्लेखनीय है। मुंडा ने कहा कि अगले 5 वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 2 करोड़ और घर बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कोविड से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद सरकार इस योजना के अंतर्गत 3 करोड़ घरों के निर्माण का लक्ष्य हासिल करने के करीब है। उन्होंने कहा कि इसी तरह, किराए के मकानों, झुग्गियों, चॉलों और अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले मध्यम वर्ग को अपना घर खरीदने या बनाने में सहायता करने के लिए एक योजना शुरू की जाएगी।
अंतरिम बजट में 3 प्रमुख आर्थिक रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की घोषणा की गई है, जिनके नाम हैं: ऊर्जा, खनिज और सीमेंट कॉरिडोर, पत्तन संपर्क गलियारा, उच्च यातायात घनत्व गलियारा, मल्टी-मॉडल संपर्क को सक्षम करने के लिए पीएम गति शक्ति के अंतर्गत पहचानी गई ये परियोजनाएं लॉजिस्टिक दक्षता में सुधार करेंगी और लागत कम करेंगी। आयुष्मान भारत का विस्तार करते हुए, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य देखभाल कवर को सभी आशा कार्यकर्ताओं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायकों तक बढ़ाया जाएगा। लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य भी 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ कर दिया गया है। 9 करोड़ महिलाओं वाले 83 लाख स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता के साथ ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदल रहे हैं। उनकी सफलता ने लगभग 1 करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनने में मदद की है। इसी तरह छत पर सौर पैनल लगाने से 1 करोड़ परिवारों को हर महीने 300 यूनिट तक नि:शुल्क बिजली मिल सकेगी। रेल यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और सहूलियत बढ़ाने के लिए 40 हजार साधारण रेलवे बोगियों को वंदे भारत मानकों के अनुरूप परिवर्तित किया जाएगा। सरकार ‘नेट-ज़ीरो’ कार्बन उत्सर्जन के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में, वर्ष 2070 तक भारत की ‘नेट-ज़ीरो’ कार्बन उत्सर्जन की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए 1 गीगा-वाट की प्रारंभिक क्षमता के लिए अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता का उपयोग करने के लिए व्यवहार्यता गैप फंडिंग प्रदान की जाएगी। वर्ष 2030 तक कोयले से 100 मीट्रिक टन गैस बनाने और द्रवीकरण क्षमता स्थापित की जाएगी। इससे प्राकृतिक गैस, मेथनॉल, अमोनिया के आयात को कम करने में भी सहायता मिलेगी। घरेलू उद्देश्यों के लिए पीएनजी और परिवहन के लिए सीएनजी में सीबीजी (संपीड़ित बायोगैस) का चरणबद्ध मिश्रण अनिवार्य किया जाएगा। संग्रहण में सहायता के लिए बायोमास संग्रहण मशीनरी की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। हरित विकास को प्रोत्साहन देने के लिए बायो-मैन्युफैक्चरिंग और बायो-फाउंड्री की नई योजना शुरू की जाएगी। यह बायोडिग्रेडेबल पॉलिमर, बायो-प्लास्टिक, बायो-फार्मास्यूटिकल्स और बायो-एग्री-इनपुट जैसे पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रदान करेगा। स्वास्थ्य सेवा सुधार के हिस्से के रूप में, मौजूदा अस्पताल बुनियादी ढांचे का उपयोग करके अधिक चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किए जाएंगे।