राजस्थान: अधिकारियों की पोल खोलने की मिली सजा, एक पत्रकार पर FIR तो दूसरे को मिली जान की धमकी
मीडिया को देश का चौथा स्तंभ कहा जाता है, और मांना भी जाता है। जो धीरे धीरे लगातार धराशाई होता जा रहा है। और इसका नुकसान आमजन को भी हो रहा है। आइए जानते हैं पूरी खबर।
राजस्थान सरकार पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर बड़ी बड़ी बातें कर रही है। मगर उसी राजस्थान में सीकर जिले के फतेहपुर में कुछ अधिकारियों ने सरकारी धाराओं को अब पत्रकारों पर इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। जो पत्रकार उनका कट्ठा चिट्ठा खोलता है वह उसको ही पद का इस्तेमाल कर लपेटे में ले लेते हैं। ऐसे अफ्सरों की बदोलत ही आजकल पत्रकारों के साथ हो रही घटनाओं की खबरों में भी उछाल देखने को मिल रहा है। अगर कोई पत्रकार सच्चाई को दिखाने की अगर हिम्मत कर भी ले तो उसके खिलाफ मुकदम्मे दर्ज हो जाते है। इसीलिए अच्छे और नेक पत्रकारों की आवाज दिन प्रतिदिन दबती जा रही है।
पहली खबर सीकर जिले के फतेहपुर से है जहां पत्रकार आबिद खान ने कथित तौर पर विधुत विभाग की अनियमितताओं से पर्दा क्या उठाया कि विधुत विभाग के अधिकारियों ने पद का दुरुपयोग करते हुए पत्रकार आबिद खान पर सुनियोजित मनगढ़ंत राजकार्य में बाधा का झूठा मुकदमा दर्ज करवा दिया। पत्रकार आबिद खान विधुत विभाग इसलिए गए थे कि वहां विधुत कटौती को लेकर धरना लगा था। धरने के बाद सहायक अभियंता रविंदर बिजरानिया से पत्रकार ने धरने के बारे में पूछना चाहा तो विधुत विभाग के सहायक अभियंता रविंदर बिजारनिया उंगली उठाकर एग्रेसिव अंदाज में पत्रकार के साथ अमानवीय व्यवहार करते नजर आए और बार-बार सहायक अभियंता की जुबान से एक ही शब्द निकल रहा था कि राजकार्य में बाधा डाल रहे हैं आप।
जिसके बाद पत्रकार आबिद खान शालीनता दिखाते हुए वहा से निकल आए। उसके एक घंटे बाद पत्रकार के खिलाफ राज कार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज हो गया। एफआईआर में लिखा गया कि पत्रकार आबिद खान ने विधुत विभाग का रजिस्टर फाड़ा है, और राज कार्य में बाधा डाली है। जबकि पास खड़े बाबू लाल ने उस दौरान पूरा विडियो मोबाइल में कैद कर लिया विडियो से साफ देखा जा सकता हैं कि एक पत्रकार के साथ एक पढ़े लिखे अधिकारी का किस तरह का बर्ताव है।
पत्रकार का सहायक अभियंता रविंदर बिजारनिया से बात करते हुए वीडियो भी सामने आया है जिसमें साफ देखा जा सकता हैं कि पत्रकार ने कोई रजिस्टर नही फाड़ा जबकि विधुत विभाग के सहायक अभियंता रविंदर कुमार का रवैया भी वीडियो में साफ देखा जा सकता हैं जो सोचनीय ही नहीं बल्कि सरकार के सामने अधिकारियों के पत्रकारों के साथ किए गए व्यवहार शैली पर भी सवाल खड़ा कर रहा है।
मामले में न्यूज़ एक्सप्रेस की टीम द्वारा पत्रकार आबिद खान से बातचीत भी की गई जिसमें उन्होंने दावा किया कि वह विधुत विभाग के सहायक अभियंता रविंदर बिजारनिया से इससे पहले भी कई मामलों में बातचीत कर चुके हैं उसके बावजूद अधिकारी ने उनके पत्रकार होने पर ही उंगली उठा दी। और कहा कि वह पत्रकार ही नहीं है। जिसके बाद पत्रकार ने उन्हे केमरे के सामने ही अपनी रजिस्टर्ड आईडी भी दिखाई।
वहीं दूसरी खबर झुंझुनू से है जहां पर झुंझुनू विधुत विभाग के सहायक अभियंता महेश कुमार सैनी की पोल खोल देने वाली खबर चलाने के बाद झुंझुनू विधुत विभाग के सहायक अभियंता महेश कुमार के निजी लोगों द्वारा पत्रकार को जान से मारने की धमकी मिली है। जिसका ऑडियो भी सामने आया है।
इन दोनों वाक्य राजस्थान सरकार और सरकारी कर्मचारियों पर बड़ा सवाल खड़ा करती हैं। क्या इन दोनों ही पत्रकारों के साथ सहायक अभियंता द्वारा हुए इस अमानवीय व्यवहार के बाद पुलिस ठोस कार्रवाई करेगी। या फिर एक बार गहलोत सरकार पर राजस्थान में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो जाएंगे।