न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी तय करने के लिए गठित विशेषज्ञ समूह पर उठ रहे सवाल पर श्रम मंत्रालय का आया बयान : जानिए मंत्रालय ने क्या कहा
न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी को तय करने को लेकर श्रम मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है। उसने कहा है कि सरकार का न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी तय करने में विलंब का कोई इरादा नहीं है। इस मुद्दे पर तीन साल के कार्यकाल वाले विशेषज्ञ समूह के गठन का मकसद पर उठ रहे सवाल पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर गठित विशेषज्ञ समूह का काम न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन तय करने में विलंब करना नहीं है।
इससे पहले इसी महीने मंत्रालय ने केंद्र द्वारा इस मुद्दे पर प्रसिद्ध अर्थशास्त्री अजित मिश्रा की अगुवाई में एक विशेषज्ञ समूह का गठित करने की जानकारी दी थी। उस दौरान मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया था कि यह समूह न्यूनतम वेतन और मजदूरी तय करने के लिए तकनीकी जानकारी और सिफारिशें देगा। इस विशेषज्ञ समूह का कार्यकाल तीन साल का होगा।
मंत्रालय ने मीडिया में आई खबरों पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा, ‘‘मीडिया के कुछ वर्गों में इस तरह की खबरें आई है कि अंशधारकों का मानना है कि यह सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन और राष्ट्रीय न्यूनतम मजदूरी तय करने में देरी का प्रयास है।’’ इसके साथ ही कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है। विशेषज्ञ समूह जल्द से जल्द सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपेगी।’’