गंगा रिवर क्रूज का शुभारंभ, प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विभिन्न मंत्रालयों के बीच तालमेल और संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण का उदाहरण है: श्री जी. किशन रेड्डी
मुख्य बातें:
• भारत ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के माध्यम से अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का उत्सव मना रहा है, ऐसे में हम भारत की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक वैभव को प्रदर्शित करने के लिए नदी परिभ्रमण जैसे अभिनव पर्यटन उत्पाद प्रस्तुत कर रहे हैं।
• इस तरह के बड़े पैमाने के आयोजनों से भारत अपनी क्रूज क्षमता को हासिल करने में सक्षम होगा और देश वैश्विक क्रूज हब बन सकता है।
• प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, हम मिशन मोड में गंगा नदी की सफाई और कायाकल्प संबंधी कार्य पूरा कर रहे हैं। परिणामस्वरूप, स्वच्छ नदियों में नदी परिभ्रमण जैसी पर्यटन गतिविधियों की क्षमता सुनिश्चित हुई है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 13 जनवरी 2023 को वाराणसी में दुनिया की सबसे लंबी रिवर क्रूज एमवी गंगा विलास को हरी झंडी दिखायेंगे। आने वाले 50 दिनों में यह लग्जरी क्रूज न सिर्फ भारत की क्रूज पर्यटन क्षमता को दुनिया के सामने लाएगा, बल्कि यह भारत की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक वैभव को भी प्रदर्शित करेगा।
केंद्रीय पर्यटन, संस्कृति और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने कहा, “हमारा देश एक ऐसा देश है जहां नदियों को देवी-देवताओं की तरह पूजा जाता है। भारतीय नदी परिभ्रमण परिवार में सभी के लिए कुछ न कुछ करता है। उन्होंने कहा, “2014 से, पिछले 8 वर्षों में हमारी नदियों को साफ करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास किया गया है। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमने मिशन मोड में गंगा नदी की सफाई और कायाकल्प का काम किया है। इसलिए स्वच्छ नदियों ने नदी परिभ्रमण जैसी पर्यटक गतिविधियों की क्षमता सुनिश्चित की है। क्रूज पर्यटन का शुभारंभ प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में विभिन्न मंत्रालयों के बीच तालमेल और संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण का एक उदाहरण है क्योंकि गंगा की सफाई का अंतर्निहित कार्य जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आता है, क्रूज पर्यटन के लिए नीति पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय द्वारा तैयार की जाती है, और पर्यटन मंत्रालय आकर्षक पर्यटन उत्पादों व अनुभवों को निर्मित करने और इन जगहों की मार्केटिंग करने में सहायता प्रदान करता है।
एमवी गंगा विलास की यात्रा गंगा एवं ब्रह्मपुत्र नदी पर जारी रहेगी और 51 दिनों के बाद 1 मार्च, 2023 को असम के डिब्रूगढ़ में समाप्त होगी। ये क्रूज 50 प्रमुख पर्यटन स्थलों का दौरा करेगा, जिसमें वाराणसी की प्रसिद्ध गंगा आरती जैसे विरासत स्थल और काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान व सुंदरबन डेल्टा जैसे अभयारण्य शामिल हैं। बांग्लादेश में ये क्रूज लगभग 1,100 किलोमीटर की यात्रा करेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “भारत आजादी का अमृत महोत्सव के माध्यम से अपनी स्वतंत्रता के 75वें वर्ष का उत्सव मना रहा है, ऐसे में हम भारत की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक वैभव को प्रदर्शित करने के लिए नदी परिभ्रमण जैसे अभिनव पर्यटन उत्पाद प्रस्तुत कर रहे हैं।”
इन 51 दिनों में पर्यटक 3200 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। ये यात्रा पटना, कोलकाता, ढाका (बांग्लादेश), साहिबगंज और गुवाहाटी होते हुए बरास्ते माजुली द्वीप जारी रहेगी। इस जहाज में यात्रा करने वाले पर्यटक इन दोनों नदियों के किनारों पर स्थित प्रसिद्ध शहरों और पर्यटन क्षेत्रों का भ्रमण करेंगे।
Hon PM Sh @narendramodi will flag off the #GangaVilas – World's longest river cruise, which is set to sail from Holy City of Kashi to Dibrugarh on January 13th
Experience the journey through the ancient routes of India, with the extraordinary spirit of Ek Bharat, Shrestha Bharat pic.twitter.com/RTpJmmfcrD
— G Kishan Reddy (@kishanreddybjp) January 11, 2023
इस पोत पर्यटन परियोजना का समन्वयक पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय है। भारत और बांग्लादेश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर यात्रा करने वाले पर्यटकों की सुरक्षा के बारे में केंद्रीय पर्यटन मंत्री श्री जी किशन रेड्डी ने कहा, “पर्यटकों के लिए सभी सुविधाओं और सुरक्षा प्रोटोकॉल का ध्यान रखा गया है। भारत सरकार देश में क्रूज पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में अनेक कदम उठा रही है।
भारत सरकार ने देश के क्रूज पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अनेक कदम उठाए हैं, जिनमें बुनियादी ढांचे में सुधार, बंदरगाह शुल्क को युक्तिसंगत बनाना, बाहर निकलने के शुल्क को हटाना, क्रूज जहाजों के लिए प्राथमिकता वाली बर्थिंग और ई-वीजा सुविधाओं का प्रावधान शामिल है। भारत का लक्ष्य क्रूज यात्री यातायात को वर्तमान के 0.4 मिलियन से बढ़ाकर 4 मिलियन करना है। आने वाले वर्षों में क्रूज पर्यटन के आर्थिक सामर्थ्य के 110 मिलियन डॉलर से बढ़कर 5.5 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभाावना है। इसे साकार करने के लिए केंद्र ने 100 राष्ट्रीय जलमार्गों को विकसित करने का जिम्मा उठाया है, जिसका लक्ष्य कार्गो आवाजाही के अलावा इन जलमार्गों पर विश्व स्तरीय क्रूज जहाजों का परिचालन कराना है। भारत में क्रूज पोत परिवहन से संबंधित बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के लिए 1,098 करोड़ रुपये की लागत वाली 12 परियोजनाओं का दायित्व लिया जा रहा है। इन परियोजनाओं में से अधिकांश के लिए प्रमुख बंदरगाहों पर संबद्ध सुविधा के साथ बुनियादी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।