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केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर अटकलों का बाजार गर्म, 24-48 घंटों के अंदर कैबिनेट में हो सकता है बड़ा बदलाव

केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। राजनीतिक विश्लेषकों के बीच कयासों का दौर जारी है कि किसको कुर्सी का सुख मिलने वाला है। खबर के मुताबिक 24-48 घंटों में कैबिनेट में बड़ा बदलाव हो सकता है। और संभावित मंत्रियों को दिल्ली तलब भी कर लिया गया है। फिलहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के कैबिनेट में मंत्रियों की संख्या 53 है, जिसे बढ़ाकर 81 किया जा सकता है। अटकलें तो यह है कि मंत्रिमंडल का विस्तार आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर भी किया जाएगा। इस बार मोदी मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र के कई बीजेपी नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की संभावना है।

दिल्ली की ओर प्रस्थान

खबर आई कि संभावित नेताओं को दिल्ली तलब किया गया है। अब धीरे-धीरे इस बात की पुष्टि भी होने लगी है। मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता नारायण राणे आज दोपहर दिल्ली पहुंच रहे हैं। वहीं असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल मंगलवार को दोपहर तीन बजे तक राजधानी पहुंचने की खबर है। इधर, सेंट्रल कैबिनेट में शामिल होने की मांग कर रहीं अपना दल की अनुप्रिया पटेल को भी बुलाया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल ही में पीएम मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीएल संतोष के बीच मंत्रियों को अंतिम सूची तैयार करने को लेकर बैठक हुई थी। यूपी से मंत्री पद के लिए चर्चा में रीता बहुगुणा जोशी, पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी, बलिया के राज्यसभा सांसद सकलदीप राजभर आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल आगे है।

ज्योतिरादित्य सिंधिया को मिलेगा मौका?

मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलों के बीच सबसे ज्यादा चर्चा में ज्योतिरादित्य सिंधिया है। यह वही नेता हैं जिनकी वजह से मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता गंवानी पड़ी थी। दरअसल, सिंधिया कांग्रेस से अलग होकर अपने समर्थक विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे। उनके इसी फैसले के चलते राज्य में कांग्रेस की सरकार अल्पमत में आ गई और मुख्यमंत्री पद से कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा था।

बिहार-यूपी को ज्यादा तरजीह!

बिहार भी मंत्रीपद को लेकर चर्चा में है। खासकर लोक जनशक्ति पार्टी में चाचा-भतीजा। पार्टी पर वर्चस्व की लड़ाई अभी थमा भी नहीं है। ऐसे में खबर है कि चाचा पशुपति कुमार पारस को मोदी सरकार में मौका मिल सकता है। इसके अलावा राज्य की राजनीति से बाहर चल रहे पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को भी बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। वहीं जेडीयू कोटे से राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, आरसीपी सिंह, रामनाथ ठाकुर, चंद्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, दिलेश्वर कामत, संतोष कुशवाहा समेत कई नेताओं का नाम चर्चा का विषय बना हुआ है।

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए दिनेश त्रिवेदी का नाम भी मंत्री बनने की रेस में आगे चल रहा है।