पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत विकसित किए जाने वाले पंद्रह विषयगत सर्किटों में से एक के रूप में ग्रामीण सर्किट की पहचान की है: प्रहलाद सिंह पटेल
पर्यटन मंत्रालय ने थीम आधारित पर्यटन सर्किटों में एकीकृत अवसंरचना विकास के लिए स्वदेश दर्शन योजना शुरू की है।ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन की असीम संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए पर्यटन मंत्रालय ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत विकसित किए जाने वाले पंद्रह विषयगत सर्किटों में से एक के रूप में ग्रामीण सर्किट को चिह्नित किया है।
केन्द्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज राज्यसभा में यह जानकारी देते हुए बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय एसपीएमआरएम के तहत प्रत्येक राज्य में गैर-जनजातीय क्लस्टरों के चयन के लिए उप जिलों की एक सूची पर्यटन मंत्रालय को उपलब्ध कराता है। जिसके बाद पर्यटन मंत्रालय इस सूची के आधार पर इन उप जिलों में विकसित किए जाने वाले उन ग्रामीण क्षेत्रों की पहचान करता है जहां पर्यटन अवसंरचना का विकास किया जाना है। इनका चयन पर्यटन या फिर तीर्थस्थलों के रूप में इनके महत्व को देखते हुए किया जाता है।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से क्रियान्वित की गई विकास योजनाओं में से एक है।जिसका उद्धेश्य स्थानीय स्तर पर आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के साथ ही बुनियादी सुविधाओं को बेहतर बनाकर एक सुनियोजित रुर्बन क्लस्टर विकसित करना है।एसपीएमआरएम के तहत “चयनित गांवों के समूह को इस आधार पर विकसित करने की परिकल्पना की गई है जिसमें उनके ग्रामीण परिवेश की खासियत भी बनी रहे और साथ ही शहरी क्षेत्रों के समान बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध हों और इस तरह से वह रुबर्न विलेज का रूप ले सकें।
एसपीएमआरएम योजना के तहत 28 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में 300 रुबर्न क्लस्टर विकसित किए गए हैं। जिन विभिन्न थीमों के आधार पर इनका विकास किया जा रहा है उनमें से पर्यटन भी एक है। एसपीएमआरएम के तहत श्रेणीबद्ध किए गए 21 घटकों में पर्यटन संबंधी गतिविधियां / परियोजनाएं भी शामिल हैं। इन्हें उन क्लस्टरों में क्रियान्वित किया जा रहा है जहां पर्यटन की काफी संभावनाएं हैं। एसपीएमआरएम योजना के तहत 30 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में 105 ऐसे क्लस्टर चिन्हित किए गए हैं जहां पर्यटन से संबंधित विकास गतिविधियां प्रस्तावित हैं।
देश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में कई तरह की प्रचार गतिविधियाँ चला रहा है। इसके तहत वह “अतुल्य भारत” ब्रांड-लाइन के तहत बड़े स्तर पर प्रचार सामग्रियों के जरिए अपने पर्यटन स्थलों और पर्यटन उत्पादों के बारे में लोगों तक जानकारी पहुंचा रहा है। इसके लिए मंत्रालय की वेबसाइट और सोशल मीडिया माध्यमों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।