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पेगासस सॉफ्टवेयर के निशाने पर था फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों का भी था फोन नंबर

पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी का मामला ने भारत सहित पूरे विश्व में बवाल मचा रखा है। अब एक एनजीओ ने दावा किया है कि फोन टैपिंग स्कैंडल विवाद के बीच पैगासस जासूसी लिस्ट में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों का भी नंबर था।

राष्ट्रपति मैक्रों के आलावा इजराइल के एनएसओ ग्रुप द्वारा बनाये गये इस संदिग्ध स्पाईवेयर के निशाने पर कई पत्रकार, मानवाधिकार कार्यकर्ता और राजनीतिक असंतुष्ट लोग थे। जिसकी जांच फ्रांस के अभियोजक कार्यालय कर रहा है। बता दें कि स्पाईवेयर एक सॉफ्टवेयर होता है, जो किसी के कंप्यूटर में प्रवेश करके उस उपयोगकर्ता बारे में सूचना जुटाता और उसे चोरी-छिपे किसी तीसरे पक्ष को भेजता है।

अभियोजक के कार्यालय ने मंगलवार को एक बयान जारी किया। जिसमें उसने कहा कि दो पत्रकारों और फ्रांसीसी खोजी वेबसाइट मीडियापार्ट की शिकायत पर निजता का हनन, डेटा का अवैध इस्तेमाल और अवैध तरीके से स्पाईवेयर बेचने के संभावित आरोपों पर जांच शुरू की है। इस हफ्ते प्रकाशित वैश्विक मीडिया समूह की एक जांच रिपोर्ट प्रकाशित किया था जिसमें में पाया गया कि 50 देशों में 1,000 से अधिक लोगों को कथित तौर पर पेगासस स्पाईवेयर द्वारा संभावित निगरानी के लिए चयनित किया था। उनमें फ्रांस के पत्रकार और नेता भी शामिल थे।

हालांकि, एनएसओ ग्रुप ने इस बात से इनकार किया है। इस बीच, अमेरिका के बोस्टन से एक खबर आई है कि संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बेशलेट ने एक बयान में कहा, “पूरी छूट के साथ एक बार फिर और फिर से लक्ष्मण रेखा लांघी गई है।”

खबर के मुताबिक समूह के पत्रकारों ने 50,000 से अधिक मोबाइल फोन नंबरों खंगाला था जिसमें 50 से अधिक देशों के 1,000 से अधिक लोगों की पहचान की, जिनमें 189 पत्रकार, 85 मानवाधिकार कार्यकर्ता और कई राष्ट्रों के प्रमुख शामिल है। वहीं पत्रकारों में समाचार एजेंसी एसेसिएटेड प्रेस (एपी) रॉयटर्स के अलावा सीएनन, द वाल स्ट्रीट जर्नल, ले मोंदे और द फिनांशियल टाइम्स का नाम सामने आया है।