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कोरोना की दूसरी लहर इतने उम्र के बच्चों लिए खतरनाक

कोरोना की दूसरी लहर ने नाक में दम कर रखा हैं, इस बार संक्रमण का प्रकोप पिछली बार से भयावाह दिख रहा है। वहीँ हालात यह है कि इस बार कोरोना सिर्फ बुजुर्ग को ही नहीं बच्चे को भी अपना शिकार बना रहा है। मोटे तौर पर कहें तो महामारी का मौजूदा लहर किसी को भी नहीं बख्श रहा है।

दिल्ली के अस्पतालों के डॉक्टरों का कहना है कि उनके यहां 8 महीने से लेकर 12 साल तक के बच्चे भर्ती हो रहे हैं, जिनको कोरोना वायरस है। बच्चों में बुखार और निमोनिया जैसे गंभीर लक्षण दिखाई दे रहे हैं। हरियाणा में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों में से 8 फीसदी संक्रमण के केस बच्चों के हैं। जबकि पिछली लहर में ये आंकड़ा महज एक फीसदी था।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक दिल्ली के लोक नायक अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने कहा है, ”हमारे पास वर्तमान में कोविड-19 के गंभीर लक्षणों के साथ 8 बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं। उनमें से एक बच्चा तो सिर्फ 8 महीने का है। बाकी सारे भी 12 वर्ष से कम आयु के हैं। उन्हें तेज बुखार, निमोनिया, डिहाईड्रेशन और स्वाद में कमी के लक्षण हैं।”

सर गंगा राम अस्पताल में भी डॉक्टरों ने कहा है कि कुछ बच्चों को कोविड -19 के कारण भर्ती होना पड़ रहा है। इसके अलावा अस्पताल में वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन गुप्ता ने कहा कि उन्हें बीमारी से प्रभावित बच्चों के परिवारों से हर दिन लगभग 20-30 फोन कॉल आते हैं।

गुड़गांव के फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट के बाल रोग विभाग के निदेशक और प्रमुख डॉ. कृष्ण चुघ ने कहा कि कोरोना संक्रमण से पीड़ित बच्चों का इलाज वयस्कों की तुलना में अधिक चुनौतीपूर्ण होता है। उन्होंने कहा,” कोरोना से पीड़ित बच्चों के लिए कोई अलग से बेबी वार्ड नहीं बने हुए हैं…क्योंकि पिछले साल छोटे बच्चों के कोरोना के इतने मामले सामने नहीं आए थे। इनका इलाज करना भी मुश्किल है। जैसे रेमेडिसविर या स्टेरॉयड जैसी एंटी वायरल दवाई का उनपर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।”

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