आने वाला है तूफान, सरकार ने शुरू कर दी हैं तैयारियां
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बैठक की और बंगाल की खाड़ी के ऊपर संभावित चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए केन्द्रीय मंत्रालयों/एजेंसियों और राज्यों/केन्द्र- शासित प्रदेशों की सरकारों की तैयारियों की समीक्षा की।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक ने समिति को बंगाल की खाड़ी में मौसम प्रणाली की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी, जिसके उत्तर की ओर बढ़ने और 24 अक्टूबर को एक चक्रवाती तूफान के रूप में घनीभूत होने की संभावना है।
इसके बाद इसके उत्तर पूर्व की ओर बढ़ने और 25 अक्टूबर को ओडिशा तट को पार करते हुए पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश के तटों तक पहुंचने की संभावना है। इसके 25 अक्टूबर की मध्यरात्रि के आसपास बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने की संभावना है।
ओडिशा, पश्चिम बंगाल तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिवों और आंध्र प्रदेश के विशेष मुख्य सचिव ने समिति को चक्रवाती तूफान के संभावित रास्ते में रह रही आबादी की सुरक्षा के लिए की जा रही तैयारियों और स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे उपायों से अवगत कराया। समुद्र में गए मछुआरों को वापस लौटने और अन्य लोगों को समुद्र में न जाने के लिए आगाह किया गया है।
एनडीआरएफ ने राज्यों को अपनी टीमें उपलब्ध करा दी हैं और अतिरिक्त टीमों को भी तैयार रखा जा रहा है। थल सेना और नौसेना के बचाव एवं राहत दलों को जहाजों और विमानों के साथ तैयार रखा गया है।
राज्यों और केन्द्रीय एजेंसियों की तैयारियों की समीक्षा करते हुए, राजीव गौबा ने जोर देकर कहा कि राज्यों/ केन्द्र – शासित प्रदेशों की सरकारों के संबद्ध अधिकारियों और केन्द्रीय एजेंसियों के संबंधित अधिकारियों द्वारा निवारक और एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए।
हमारा लक्ष्य जीवन के नुकसान को शून्य पर रखना और संपत्ति तथा बिजली एवं दूरसंचार जैसे बुनियादी ढांचे को कम से कम नुकसान सुनिश्चित करना और इस बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने की स्थिति में, इसे कम से कम संभव समय में बहाल करना होना चाहिए।
कैबिनेट सचिव ने कहा कि समुद्र में मौजूद मछुआरों को वापस बुला लिया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि तूफान से पहले संवेदनशील इलाकों से लोगों को समय रहते निकाल लिया जाए।
कैबिनेट सचिव ने राज्यों/केन्द्र-शासित प्रदेशों की सरकारों को आश्वासन दिया कि सभी केन्द्रीय एजेंसियां पूरी तरह तैयार हैं और सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी।
बैठक में ओडिशा, पश्चिम बंगाल तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिवों और आंध्र प्रदेश के विशेष मुख्य सचिव, गृह मंत्रालय एवं विद्युत मंत्रालय के सचिवों और दूरसंचार विभाग के प्रतिनिधियों, एनडीएमए के सदस्य सचिव तथा सीआईएससी आईडीएस, डीजी एनडीआरएफ, डीजी आईएमडी, डीजी कोस्ट गार्ड और गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।