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पूर्वोत्तर के सभी 8 राज्यों में कोविड मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है: डॉ. जितेंद्र सिंह

पूर्वोत्तर राज्यों में कोविड स्थिति की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई बैठक में, मंत्री ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि सभी राज्य सकारात्मकता दर में गिरावट के मामले में राष्ट्रीय औसत के नजदीक पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेघालय के री-भोई जिले की एक जेल में कोरोना फैलने के कारण वह एकमात्र अपवाद राज्य है।

डॉ. जितेंद्र सिंह को सूचित किया गया कि पूर्वोत्तर क्षेत्र में 2 जुलाई 2021 को सकारात्मक दर घटकर 2.94 प्रतिशत हो चुकी है जो कि 30 जून, 2021 को 3.96 प्रतिशत थी। यह राष्ट्रीय औसत के ही अनुरूप है जोकि 30 जून 2021 को 2.34% थी और 2 जुलाई, 2021 को कम होकर 2.09% हो चुकी है।

बैठक में पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मणिपुर, मिजोरम और नगालैंड के स्वास्थ्य सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के केंद्रीय सचिव, पूर्वोत्तर परिषद के सचिव और स्वास्थ्य मंत्रालय में पूर्वोत्तर क्षेत्र के प्रभारी संयुक्त सचिव और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों ने मंत्री को सूचित किया कि वे महामारी की दूसरी लहर से निपटने के लिए नियमित रूप से कदम उठा रहे हैं और साथ ही साथ केंद्र सरकार और डोनर मंत्रालय के समर्थन से स्वास्थ्य अवसंरचना में बढ़ोत्तरी कर रहे हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने आगाह किया कि करोना के सक्रिय मामलों में गिरावट दर्ज करने के साथ-साथ टीकाकरण और कोरोना प्रोटोकॉल का कठोरता से पालन करने पर ज्यादा से ज्यादा बल दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वे पूर्वोत्तर राज्यों के सभी आठ मुख्यमंत्रियों के साथ लगातार संपर्क में बने हुए हैं और राज्यों की तरफ से जो भी मदद की मांग की जाती है, उसे केंद्र सरकार द्वारा तुरंत उपलब्ध कराया जा रहा है। मंत्री ने नगालैंड और मणिपुर राज्यों में वैक्सीन आपूर्ति के मुद्दों पर भी संज्ञान लियाऔर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों को अविलंब रूप से इसका समाधान करने का निर्देश दिया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह बात चिंताजनक है कि महामारी के प्रथम लहर में पूर्वोत्तर राज्य कई अन्य राज्यों की तुलना में कोविड से अपेक्षाकृत बहुत कम प्रभावित रहे थे और सिक्किम जैसे कुछ राज्यों में लॉकडाउन अवधि के दौरान कोरोना का एक भी सकारात्मक मामला सामने नहीं आया था। लेकिन इसके विपरीत इस वर्ष, पूर्वोत्तर राज्यों में भी कोरोना के सकारात्मक मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।

मई माह में, पूर्वोत्तर राज्यों में कोरोना का मामला चरम होने के दौरान, डॉ जितेंद्र सिंह ने एक उच्च स्तरीय बैठक की थी, जिस पर मीडिया ने काफी ध्यान दिया था। उन्होंने अधिकारियों को इस बात को सुनिश्चित करने का रास्ता एवं साधन तलाशने का निर्देश दिया था जिससे पूर्वोत्तर राज्यों में कोरोना के सकारात्मक मामलों के बढ़ते ग्राफ में गिरावट दर्ज होना शुरू हो सके या वक्र तुरंत सपाट होने लगे। मंत्री ने कठोर व्यवहारिक उपायों, व्यापक परीक्षण और संपर्क ट्रेसिंग करने की सलाह दी थी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वे पूर्वोत्तर के सभी 8 राज्यों से कोविड की व्यापकता, आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं और बुनियादी संरचना के बारे में दैनिक रूप से अपडेट प्राप्त कर रहे हैं, जिसके माध्यम से महामारी से प्रभावी रूप से लड़ा जा सके। उन्होंने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि पूर्वोत्तर के सभी राज्यों में पर्याप्त बिस्तर क्षमताएं और ऑक्सीजन स्टॉक उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि डोनर और एनईसी मंत्रालय कोविड संबंधित बुनियादी संरचना को पूरा करने और बढ़ावा देने के लिए सक्रिय कदम उठा रहे हैं। उन्होंने पूर्वोत्तर के आठ राज्यों में से प्रत्येक राज्य में ऑक्सीजन संयंत्र लगाने के लिए जापान और यूएनडीपी द्वारा प्रदान किए गए समर्थन का भी उल्लेख किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड के पहले लहर में सभी आठ पूर्वोत्तर राज्यों ने कोविड-19 का प्रबंधन बहुत ही प्रभावी रूप से किया था और पूरा क्षेत्र पूरे देश में कोरोना प्रबंधन के मॉडल के रूप में उभरकर सामने आया था। हालांकि, उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त किया कि करोना के दूसरे लहर के दौरान कोविड-19 के कारण पिछले वर्ष की तुलना में इस क्षेत्र में भारी तबाही हुई है।