सौर तूफान के कारण दुनिया में आज मच सकती है खलबली
आज दुनिया में खलबली मचने के आसार हैं। इसका कारण है पृथ्वी से सौर तूफान का टकराना। दरअसल एक स्पेस साइंटिस्ट और भौतिक विज्ञानी डॉ. तमिथा स्कोव का दावा है कि सूर्य से निकलकर एक विशाल सौर ज्वाला (solar flare) धरती को ओर बढ़ रही है। इस भयानक सौर ज्वाला के जल्द ही पृथ्वी से टकराने की संभावना भी है। अगर ये सौर तूफान पृथ्वी से टकराएगा तो पृथ्वी पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन और तेज गर्मी पैदा होगी और इससे एक शक्तिशाली सौर तूफान आ सकता है। तमिथा ने सूर्य की ज्वालाओं यानी सोलर फ्लेयर की पृथ्वी से सीधी टक्कर की भविष्यवाणी की है।
https://twitter.com/TamithaSkov/status/1548380370038444034?s=20&t=NT_7B-zpzToK_tPqj1kovA
सौर तूफान आने का कारण
इसकी वजह ये है कि सौर तूफान से सूर्य की सतह में बड़े विस्फोट होते हैं और सोलर फ्लेयर का निर्माण होता है। जिस कारण भीषण गर्मी और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन पैदा होगी, जो कि जीपीएस नैविगेशन, मोबाइल फोन सिग्नल और सैटलाइट सिग्नल को रोक देगी। साथ ही दुनिया के कई इलाकों में रेडियो ब्लैकआउट की स्थिती पैदा हो सकती है।
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एक अमेरिकी संस्थान राष्ट्रीय समुद्री और वायुमंडलीय प्रशासन (NOAA) ने भी इसको लेकर अलर्ट जारी किया है। 14 जुलाई को सूर्य की सतह पर एक विस्फोट हुआ था, जिस कारण सूरज की सतह पर सोलर फ्लेयर पैदा हुए और पृथ्वी की ओर बढ़ रहे हैं। इसका परिणाम यह होगी कि पृथ्वी पर सौर तूफान की स्थिती पैदा हो जाएगी।
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सौलर फ्लेयर क्या होता है?
सोलर फ्लेयर्स के लिए एक्स-फैक्टर सबसे तीव्र फ्लेयर्स (सूर्य की ज्वाला) में से एक को दर्शाता है और संख्या के साथ-साथ सौर ज्वाला की तीव्रता का प्रतीक इसकी ताकत को दिखाता है। इसे एक्स-क्लास फ्लेयर के नाम से भी जाना जाता है। सौर ज्वालाओं को उनकी तीव्रता के आधार पर चार वर्गों – ए, बी, सी, एम और एक्स में बांटा गया है। इसमें सबसे शक्तिशाली सोलर फ्लेयर एक्स-क्लासिफाइड सोलर फ्लेयर होगा, जबकि एम दूसरा सबसे शक्तिशाली सोलर फ्लेयर है।
पहले भी आ चुका है सौर तूफान
ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि सौर तूफान पहली बार आ रहा हो। साल 1989 में भी दुनिया ने सौर तूफान का सामना कर चुकी है। उस समय सौर तूफान की वजह से यूरोप और अमेरिका के टेलीग्राफ नेटवर्क को भारी नुकसान हुआ था। उस वक्त कनाडा के क्यूबेक शहर पर काफी असर हुआ था।