कोयले की ढुलाई में नहीं आएगी दिक्कतें, वैगन की समस्या होगी खत्म
भारतीय रेल द्वारा मांग के अनुसार बिजली उत्पादन संयंत्रों के लिए कोयले की लोडिंग में लगातार वृद्धि की जा रही है और भारतीय रेल कोयला कंपनियों द्वारा साइडिंग / गुड शेड में लाए गए सभी घरेलू कोयले तथा बिजली उत्पादक कंपनियों द्वारा बंदरगाह पर लाए गए आयातित कोयले की ढुलाई के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
मई 2022 के दौरान, बिजली क्षेत्र के लिए रेक की उपलब्धता में औसतन 472 रेक प्रतिदिन की वृद्धि हुई। कोयला कंपनियों और रेलवे दोनों ने संयुक्त रूप से बिजली क्षेत्र के लिए घरेलू कोयले के 415 रेक और आयातित कोयले के 30 रेक प्रतिदिन कोयला लोडिंग सुनिश्चित करने की परिकल्पना की है। मौजूदा माह में बिजली उत्पादन संयंत्रों के लिए घरेलू कोयले की लोडिंग औसतन 409 रेक प्रतिदिन की गई है।
ओडिशा के कोयला क्षेत्रों में लगातार हड़ताल का मुद्दा रहा है, जिससे विशेष रूप से तालचेर क्षेत्र में कोयला निकासी प्रभावित हुई है। हालांकि, रेलवे ने बिजली क्षेत्र के लिए अधिकतम कोयला लोडिंग के लिए अखिल भारतीय स्तर पर 60 अतिरिक्त खाली रेक रखे हैं।
कोयला रेकों की ढुलाई में तेजी लाने के लिए परिचालन दक्षता के अनेक उपाय किए गए हैं।
कोयला रेक की तेज आवाजाही और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में आसानी के लिए कोचिंग ट्रेनों को पूरे भारत में रद्द कर दिया गया है।
विभिन्न बिजली संयंत्रों को कोयला रेकों की निर्बाध और समय पर आवाजाही के महत्व पर बल दिया गया है। लोडिंग/ अनलोडिंग के स्थानों पर प्रत्येक कार्य के लिए कोयला रेकों के अवरोध और मार्ग में आवाजाही की निगरानी क्षेत्र स्तर पर मंडल टीम द्वारा की जा रही है।
भीड़भाड़ वाले मार्गों में लंबी दूरी तक ढुलाई और कॉन्वॉय रेक को बढ़ाया गया है। चालू वित्त वर्ष में कोयले की लदान के लिए अतिरिक्त 100 रेक जुटाए जाएंगे, जिससे बिजली क्षेत्र के लिए रैक की उपलब्धता में और सुधार होगा। इसके अलावा, कोयले की भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए भारतीय रेल ने पहले ही 1,00,000 से अधिक वैगनों की खरीद शुरू कर दी है, जिससे वैगन की उपलब्धता में और सुधार होगा।