नजरअंदाज ना करें ये लक्षण, हो सकता है डायबिटीज का खतरा

डायबिटीज अब एक आम बीमारी हो चुकी है और जरा सी लापरवाही की वजह से लोग आसानी से इसकी चपेट में आ जाते हैं। ज्यादातर लोगों को लगता है कि डायबिटीज एक उम्र के बाद होती है जबकि ऐसा नहीं है। पहले जहां उम्रदराज लोगों को यह बीमारी होती थी वहीं अब बच्चे भी इसके शिकार हो रहे हैं, खासकर पुरुष। मगर, आप शायद यह नहीं जानते कि अगर बीमारी आऊट ऑफ कंट्रोल हो जाए तो आंखें, किडनी, दिल व अन्य अंगों पर बुरा असर पड़ सकता है।
डायबिटीज मुख्यत: दो प्रकार की होती है :

टाइप 1 : यह एक ऑटो इम्यून कंडीशन है। यानी आपका इम्यून सिस्टम गलती से पैन्क्रियाज में पाई जाने वाले बीटा सेल्स पर आक्रमण कर उन्हें नष्ट कर देता है। यही बीटा सेल इंसुलिन बनाती हैं, जिसके बाद शरीर में इंसुलिन बनना बंद हो जाता है।
टाइप-2 : इस स्थिति में शरीर इंसुलिन का सही ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है। यह गड़बड़ी पैन्क्रियाज को अधिक इंसुलिन बनाने के लिए उत्तेजित करती है, इससे इंसुलिन की जरूरत तो पूरी हो जाती है, लेकिन कुछ दिनों बाद इंसुलिन का बनना घटने लगता है।

मधुमेह रोग के लक्षण हालांकि सामान्य ही होते हैं लेकिन पुरूषों में महिलाओं के मुकाबले अलग लक्षण भी दिखाई दे सकते हैं। आइए जानते हैं आखिर पुरूषों में डायबिटीज के लक्षण क्या होते हैं, और महिलाओं में पाए जाने वाले लक्षणों से वे कितने भिन्न हैं।

  • बार-बार पेशाब आना.
  • बहुत ज्यादा प्यास लगना.
  • बहुत पानी पीने के बाद भी गला सूखना.
  • खाना खाने के बाद भी बहुत भूख लगना.
  • हर समय कमजोरी और थकान की शिकायत होना.
  • मितली होना और कभी-कभी उल्टी होना.
  • हाथ-पैर में अकड़न और शरीर में झंझनाहट होना.
  • आंखों से धुंधलापन होना.
  • त्वचा या मूत्रमार्ग में संक्रमण.
  • त्वचा में रूखापन आना.
  • चिड़चिड़ापन, सिरदर्द.
  • शरीर का तापमान कम होना.
  • मांसपेशियों में दर्द.
  • वजन में कमी होना.

यदि कोई पुरूष इस तरह के लक्षणों को महसूस करता है तो उसको तुरंत रक्त जांच करवानी चाहिए. जिससे डायबिटीज का इलाज किया जा सके.

किन बातों का रखे ध्यान

अधिक शुगर और प्रोसेस्ड अनाज से दूरी बनाकर रखें। नान, कुल्चा, नूडल्स और मैदा से बने ब्रेड या बन से परहेज करें
आलू, सफेद चावल, अधिक मसाला व तला-भुना खाना, अरबी और शकरकंद का प्रयोग न करें, ये ब्लड शुगर को बढ़ाने का काम करते हैं।

रोजाना 45 मिनट का वर्कआउट करें। इसमें वाॅक, साइक्लिंग, स्विमिंग या योग (अनुलोम-विलोम और प्राणायाम) शामिल कर सकते हैं।

तनाव से दूर रहें। एक रिसर्च के मुताबिक तनाव ब्लड शुगर को बढ़ाता है। मानसिक तौर पर खुद को शांत और स्वस्थ रखें। इसके लिए मेडिटेशन करें।

अगर डायबिटीज की फैमिली हिस्ट्री रही है तो 40 वर्ष की उम्र के बाद हर साल ब्लड शुगर चेक करवाएं।

Ankit Anand

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