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ये है दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह, जहां जम जाती है इंसान की पलकें

ये है दुनिया की दूसरी सबसे ठंडी जगह, जहां जम जाती है इंसान की पलकें। क्या आपको पता की दुनिया की एक ऐसी जगह भी है जहां का तापमान -48 डिग्री रहता हैं। पूरे देश में शीतलहर बहुत ज़्यादा चल रही हैं। बात करें भारत कि राजधानी दिल्ली की तो वंहा 118 साल बाद ठंड का रिकॉर्ड टूट गया हैं।फ़िलहाल दिल्ली में तापमान 2.5 डिग्री हैं। इतनी कड़ाके की ठंड में लोग कप- कँपाते हुए नज़र आ रहे हैं। इस वक़्त दिल्ली में इतनी ज़्यादा ठंड है कि शिमला- मनाली की कमी महसूस ही नहीं हो रही। आइये आपको इस जगह के बारे में बताते हैं।

दरअसल, दुनिया में एक ऐसा देश है जँहा का तापमान हमेशा माइनस में ही रहता हैं। ये देश है साइबेरिया जँहा तापमान इतना कम होता है कि कुछ भी जम जाए। इस देश में बहुत कड़ाके की ठंड पड़ती हैं तब भी लोग भारी तादाद में यंहा रहते हैं।

आपको बता दें , कि यहां कभी- कभी तापमान -50 डिग्री तक पहुँच जाता हैं। आपको जानकार हैरानी होगी कि यहां इस क़दर कड़ाके की ठंड पड़ती है कि इंसान तक जम सकता है लेकिन यहां साइबेरिया में लोग बड़े आराम से रहते है और उनके लिए ये रोज़ का हिस्सा बन गया हैं। लोगों को इस ठंड का जैसे कोई असर ही नहीं होता हैं।

जानकारी के लिए बता दें, कि अंटार्कटिका के बाद साइबेरिया एक ऐसी जगह है, जिसे दुनिया की सबसे ठंडी जगह माना जाता हैं। साइबेरिया में इतनी ज़्यादा ठंड होती है कि वंहा जीवन व्यतीत करना बहुत ही मुश्किल हैं। दरअसल, पूर्वी साइबेरिया में जगह है जिसका नाम ‘ओइयाकन’ है वंहा सबसे कम तापमान -71.2डिग्री का रिकॉर्ड किया गया हैं। शायद आप लोग अंदाज़ा भी नही लगा पाएँगे की वंहा प्लास्टिक के बैग भी बुरी तरह से जम जाते हैं।

लेकिन क्या आपको पता है कि इतनी ज़्यादा ठंड और कम तापमान के पीछे एक कहानी छुपी हुई हैं? शायद आप में से कोई भी इस बारे में नही जानता होगा तो आइये हम आपको बताते हैं।

दरअसल साइबेरिया की ठंड से जुड़ीं एक कहानी ये है कि, वहां के कुछ स्थानीय लोगों के अनुसार, जब सृजन के देवता पूरी दुनिया में प्राकृतिक संशोधनों को बांटने के लिए उड़ रहे थे तब उसी वक़्त वो ‘याकुटिया’ नामक जगह पहुंचे। लेकिन यहां इतनी ठंड थी जिस कारण से उनके हाथ वहीं जम गए और वो सबकुछ वहीं छोड़ कर चले गए थे।

बता दें, कि दिसंबर के महीने में साइबेरिया बहुत बुरी तरह से जम जाता हैं। भयंकर ठंड के साथ- साथ यंहा बहुत तेज़ बर्फ़ीले तूफ़ान भी आते हैं। जिस ऐसे वक़्त यहां जीवन व्यतीत करना काफ़ी मुश्किल हो जाता हैं।

साइबेरिया की एक मशहूर नदी जिसका नाम है ‘लीना नदी’ वो सर्दियों के वक़्त पूरी तरह से जम जाती हैं। लोग इसके चलते सड़कों का इस्तेमाल करना शुरू कर देते हैं।

इस भयंकर ठंड कारण वहां के सभी स्कूल, कॉलेज, यंहा तक की ऑफ़िस वग्रह भी काफ़ी वक़्त के लिए बंद कर दिए जाते हैं। रोड से बड़े -बड़े पेड़ों तक यहां बर्फ़ की मोटी परत जम जाती हैं।

दुनिया के कोने- कोने से लोग इस ठंड का अनुभव करने के लिए पहुँचते हैं। बाक़ी लोगों के लिए कुछ नया और रोमांचक रहता है लेकिन वहां के लोगों के लिए ये बिल्कुल आम बात हैं।