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पर्यटन मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने आज वर्चुअल माध्यम से छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में “माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर का विकास” परियोजना की आधारशिला रखी।

केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रहलाद सिंह पटेल ने आज वर्चुअल माध्यम से छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ में “माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर का विकास” परियोजना की आधारशिला रखी। यह परियोजना पर्यटन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा प्रशाद (पीआरएएसएचएडी) योजना के तहत स्वीकृत की गई है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी वर्चुअल माध्यम से इस कार्यक्रम में भाग लिया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में पटेल ने कहा कि “माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर, डोंगरगढ़ का विकास” परियोजना अक्टूबर 2020 में 43.33 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत के साथ पर्यटन मंत्रालय द्वारा अनुमोदित की गई है। पटेल ने कहा कि इस परियोजना में ‘तीर्थ यात्रा गतिविधि केंद्र’ में तीर्थ यात्रा के बुनियादी ढांचे के विकास कार्य के साथ यंत्र के आकार की प्रतिष्ठित इमारत, सीढ़ियों का निर्माण, शेड, पैदल मार्ग, आस पास के इलाके की रोशनी व्यवस्था, झील का किनारा, अन्य सार्वजनिक सुविधाओं के साथ पार्किंग स्थल का विकास और माँ बम्लेश्वरी देवी मंदिर और प्रज्ञागिरी में तीर्थ यात्रा के लिये सुविधाएँ उपलब्ध कराने का कार्य शामिल हैं। केंद्रीय मंत्री पटेल ने आशा व्यक्त की कि इस परियोजना के सफलता पूर्वक सम्पन्न होने के बाद निश्चित रूप से मंदिर में दर्शन करने के लिए आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर अनुभव प्राप्त होगा।

‘तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक, विरासत संवर्धन अभियान पर राष्ट्रीय मिशन’ (पीआरएएसएचएडी) भारत सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। यह योजना पर्यटन तीर्थयात्रा के एकीकृत विकास और विरासत स्थलों के विकास के उद्देश्य से वर्ष 2014-15 में पर्यटन मंत्रालय द्वारा शुरू की गई थी। इस योजना के अंतर्गत बुनियादी ढाँचागत विकास जैसे प्रवेश स्थल (सडक, रेल और जल मार्ग), अंतिम हिस्से तक सम्पर्क, सूचना/ द्विभाषी केंद्र, एटीएम / मुद्रा विनिमय जैसी बुनियादी पर्यटन सुविधाओं, आवागमन के पर्यावरण अनुकूल साधन, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोत से इलाके की प्रकाश व्यवस्था, पार्किंग, पीने का पानी, शौचालय, क्लोक रूम, प्रतीक्षा केंद्र, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, शिल्प बाज़ार / हाट / स्मारिका दुकानें / जल-पान केंद्र, वर्षा से बचाने के लिये शेड, दूरसंचार सुविधाएं, इंटरनेट सम्पर्क आदि का विकास शामिल है।

आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रशाद योजना के तहत 13 परियोजनाओं को अब तक, सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। पूर्ण की गई परियोजनाओं में सोमनाथ, मथुरा, तमिलनाडु और बिहार में दो-दो परियोजनाएं और वाराणसी, गुरुवायूर और अमरावती (गुंटूर), कामाख्या और अमृतसर में एक-एक परियोजना शामिल हैं।