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बिहार में एक निजी अस्पताल से रेमडेसिवीर दवा की कालाबाजारी करते डायरेक्टर समेत दो को गिरफ्तार किया गया

कोरोना के इस भयंकर संकट में कुछ लोग मुनाफा कमाने के लिए धड़ल्ले से दवाओं की कालाबाजारी कर रहे हैं। इस कालाबाजारी को रोकने के लिए बिहार में ईओयू की टीम गठित की गई थी। गुरुवार को इस टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी। टीम ने रेमडेसिवीर की कालाबाजारी करते हुए सूबे की राजधानी पटना के एसपी वर्मा रोड स्थित निजी अस्पताल के डायरेक्टर समेत दो को रंगे हाथों पकड़ा। इन आरोपियों के पास से रेमडेसिवीर इंजेक्शन के कई खुराक भी जब्त किए गए।

दरअसल, आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम को पटना स्थित रेनबो हॉस्पिटल में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने की गुप्त सूचना मिली। जिसके आधार पर टीम ने बिना समय गंवाए गांधी मैदान थाना के पुलिस की मौजूदगी में रेनबो हॉस्पिटल में देर शाम छापेमारी की, जहां से भारी मात्रा में रेमडेसिवीर इंजेक्शन की बरामदगी हुई। साथ ही मौके से दो लोगों को हिरासत में भी लिया गया।

खबर के अनुसार गिरफ्तार आरोपियों में रेनबो हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. ए.असफाक सहित उनके साले शामिल हैं। फिलहाल टीम बरामद किए गए इंजेक्शन की सत्यता को परखने का कार्य कर रही है ताकि इंजेक्शन की असली और नकली होने का पता लगाया जा सके।

बता दें कि बिहार में भी कोरोना की दूसरी लहर से कोरोना मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखने को मिल रही है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण बिहार सरकार ने 15 मई तक का लॉकडाउन का ऐलान भी किया है। इसी बीच संक्रमण से बचाव के लिए उपयोग की जाने वाली मेडिकल ऑक्सीजन, रेमडेसिवीर और अन्य आवश्यक दवाइयों की कालाबाजारी और अवैध भण्डारण का काम शुरू हो गया है। इसी कालाबाजारी को रोकने के लिए
आर्थिक अपराध इकाई, बिहार ने दो टीम का गठन किया।, जो कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।