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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा है कि  भारत आने वाले वर्षों में वैश्विक भूमिका निभाने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को साकार करने के लिए वैश्विक मानकों पर खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध है

आज यहां नागपुर (महाराष्ट्र) में भारतीय विज्ञान कांग्रेस के इतर मीडिया से बातचीत करते हुए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत आने वाले वर्षों में वैश्विक भूमिका निभाने और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना को साकार करने के लिए वैश्विक मानकों पर खरा उतरने के लिए प्रतिबद्ध है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस वर्ष की विज्ञान कांग्रेस का मुख्य विषय “महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी” अत्यधिक उपयुक्त और विचारशील था।

मंत्री महोदय ने कहा कि यह सम्मेलन समग्र विकास, चक्रीय अर्थव्यवस्थाओं और स्थायी लक्ष्यों पर विचार-विमर्श करने के साथ–साथ विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महिलाओं के विकास की संभावित बाधाओं को भी दूर करेगा।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि मोदी सरकार के पिछले साढ़े 8 वर्षों में भारत ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार में कई नई ऊंचाइयों को छुआ है और निजी उद्योग को विमानन पारिस्थितिकी तंत्र की पूरी क्षमता की अनुभूति कराने के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने जैसे साहसिक निर्णय लिए हैं। उन्होंने कुछ प्रश्नों के उत्तर में उपस्थित लोगों से कहा कि भू-स्थानिक दिशानिर्देशों के लिए मंत्रीमंडल ( कैबिनेट ) की स्वीकृति , ड्रोन नीति और नीली अर्थव्यवस्था ( ब्ल्यू इकॉनमी ) पर मोदी जी द्वारा बल दिए जाने जैसे निर्णय निश्चित रूप से भारत को अगले दशक में विश्व के शीर्ष 5 देशों में शामिल करेंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारत वैश्विक नवोन्मेष सूचकांक ( ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स ) की श्रेणी ( रैंकिंग ) 2022 में 40वें स्थान पर विश्व शोध प्रकाशनों ( वर्ल्ड रिसर्च पब्लिकेशंस ) में तीसरे और नए स्टार्ट- अप पारिस्थिकी तन्त्र ( इको-सिस्टम ) में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है और यह प्रधानमंत्री द्वारा विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नए विचारों के साथ समस्याओं को हल करने के लिए देश में युवाओं की कल्पना और नवाचार पर विशेष ध्यान देने का संकेत देता है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वर्ष 2050 तक अनुमान है कि हमारी वैश्विक जनसंख्या 9 अरब लोगों तक पहुंच जाएगी। और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इनमें से हर एक व्यक्ति हमारे प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण के लिए हानिकारक हुए बिना जीवन की पर्याप्त गुणवत्ता का आनंद लेने में सक्षम हो सके। उन्होंने आगे कहा कि सतत विकास को ऐसा विकास कहा जा सकता है जो भविष्य की पीढ़ियों की अपनी जरूरतों को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान की जरूरतों को पूरा कर सके।

मंत्री महोदय ने कहा कि 108वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस सतत विकास, महिला सशक्तिकरण और इसके सभी आयामों को प्राप्त करने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका के विषयों पर चर्चा करेगी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने आगे कहा कि विज्ञान प्रौद्योगिकी नवाचार ( एसटीआई) और विज्ञान प्रौद्योगिकी इंजीनियरिंग तथा गणित ( एसटीईएम ) प्रधानमंत्री मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ की परिकल्पना ( विजन ) और मिशन को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने यह भी बताया कि 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत जी20 की मेजबानी के साथ-साथ राष्ट्र के रूप में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने प्रभाव को प्रदर्शित कर रहा है क्योंकि उसके ही प्रस्ताव पर दुनिया अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष मना रही है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव डॉ. एस. चंद्रशेखर ने मीडिया के साथ जी-20 के सम्पूर्ण कार्यक्रम के साथ-साथ डॉ. जितेंद्र सिंह के अधीन सभी छह विज्ञान विभागों जैसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ( डीएसटी ), जैव प्रौद्योगिकी विभाग ( डीबीटी ), वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद ( सीएसआईआर ), अंतरिक्ष विभाग ( डीओएस ), परमाणु ऊर्जा विभाग ( डीएई ) और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एस-20 बैठकों की जानकारी साझा कीं।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. अजय कुमार सूद, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग ( डीएसआईआर ) की सचिव डॉ. एन. कलैसेल्वी, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन और दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी इस संवाददाता सम्मेलन ( प्रेस कॉन्फ्रेंस ) के दौरान उपस्थित थे।