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केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा –  2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश निराशावाद से आशावाद की ओर बढ़ रहा है

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश निराशावाद से आशावाद की ओर बढ़ रहा है और जहां 2014 से पहले विदेश की यात्रा करने वाले भारतीय अपने आत्मसम्मान में गिरावट महसूस करते थे, वहीं आज दुनिया उन्हें आदर, सम्मान और उम्मीद के साथ भारत की ओर देखती है।

आज सुबह मुख्य अतिथि के रूप में गुरुग्राम के होटल लीला में रोटरी डिस्ट्रिक्ट 3011 के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को उसकी अप्रकट क्षमताओं को साकार करने में मदद की है और कई नए सुधारों को प्रचलित कर और अप्रचलित नियमों को समाप्त करके भारत को अपनी योग्यताओं और क्षमताओं का अधिकतम उपयोग करने में सक्षम बनाया है।

उन्होंने कहा कि 2014 से पहले सभी भारतीय नागरिक कई शीर्ष मंत्रियों के घोटालों और भ्रष्टाचारों से निराशा महसूस कर रहे थे, लेकिन पिछले लगभग नौ वर्षों में, एक भी मंत्री पर इस प्रकार के कोई भी आरोप नहीं लगे है और इसके विपरीत, प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रदान किया गया भरोसा और विश्वास ने एक औसत भारतीय को भी आगे बढ़ने और बाकी दुनिया का नेतृत्व करने के लिए एक सोच और दृढ़ संकल्प की भावना प्रदान की है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के पिछले लगभग नौ वर्षों में सुशासन में, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक ने वैश्विक मंदी के दौर के बीच भी एक “उज्ज्वल स्थल” बताया है। डॉ. सिंह ने कहा कि आज दुनिया भारत की ओर इस मार्ग का नेतृत्व करने के लिए देख रहा है, जैसा कि कोविड महामारी के दौरान भी स्पष्ट हो चुका था, जब भारत ने दिसंबर, 2021 तक दुनिया के 94 देशों को कोविड-19 वैक्सीन की 750 लाख से ज्यादा खुराकों की आपूर्ति की थी।

एक अन्य उदाहरण देते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंतरिक्ष विभाग को भी प्रधानमंत्री मोदी ने अतीत की बेड़ियों और वर्जनाओं से मुक्त किया और आज अमेरिका एवं रूस जैसे देशों ने भी उसके रास्ते को चुना है, जिन रास्तों पर वे भारत से बहुत पहले ही अपनी यात्रा शुरू कर चुके थे। उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि भारत के पास क्षमता या इच्छाशक्ति की कभी कोई कमी नहीं थी, लेकिन 2014 से पहले सरकार और सत्तारूढ़ दलों के बीच नीति लागू करने और यथास्थिति से बाह निकले वाली मानसिकता नहीं थी और वे भारत के विशाल मानव संसाधनों का स्वतंत्र उपयोग करने और पूर्ण रूप से खेलने की अनुमति देने के लिए तैयार नहीं थे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि आने वाले वर्षों में भारत के विकास को विशाल महासागर संसाधनों और लंबे समय से बढ़ते हुए हिमालयी संसाधनों जैसे अनछुए क्षेत्रों के अनुकूल बनाया जाएगा, जिसे 70 वर्षों से ज्यादा समय तक यह महसूस नहीं किया गया कि कि ये भारत के लिए एक विशिष्ट लाभ बन सकते थे। हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा डीप सी मिशन और अरोमा मिशन जैसी पहलों पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ, भारत अपनी अर्थव्यवस्था में पर्याप्त उछाल भी देखने जा रहा है।

इस अवसर पर, डॉ. जितेंद्र सिंह ने रोटरी इंटरनेशनल के निदेशक रॉबर्ट हॉल और उनकी पत्नी चार्लेन का भी स्वागत किया।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि रोटरी में 200 से ज्यादा देशों में 14 लाख से ज्यादा सदस्य बन चुके हैं, जिससे यह विश्व के सबसे बड़े सेवा संगठनों में से एक बन चुका है। उन्होंने कहा कि 1920 में रोटरी इंडिया केवल एक क्लब के रूप में शुरू हुआ था, लेकिन आज यह भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 4500 क्लबों के 2 लाख से ज्यादा सदस्यों का एक जीवंत समुदाय के रूप में परिवर्तित हो चुका है।