केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी (एफएएचडी) मंत्री परशोत्तम रुपाला ने मत्स्य पालन पारिस्थितिकी तंत्र और आजीविका सृजन को मजबूत करने की दृष्टि से समीक्षा बैठक कार्यक्रम के लिए ओडिशा का दौरा किया
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, भारत सरकार परशोत्तम रुपाला ने कृषि संयंत्र मेला, 2023 में भाग लेने के लिए अन्य कार्यों सहित मत्स्य क्षेत्र के विकास को सुदृढ़ता देने की दृष्टि से समीक्षा बैठक कार्यक्रम के लिए ओडिशा का दौरा किया। बालासोर में मछुआरों, मछली किसानों और विभिन्न संबंधित हितधारकों के साथ मत्स्य विभाग के अधिकारियों द्वारा उनका स्वागत किया गया। देश के अन्य राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में भी समीक्षा बैठक कार्यक्रम शुरू किया जा चुका है, जहां परशोत्तम रुपाला ने मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के संबंध में लाभार्थियों, मछुआरों, मछली किसानों, व्यापारियों और अन्य संबंधित हितधारकों के साथ बातचीत की है।
समीक्षा बैठक का यह कार्यक्रम आज 25 मार्च 2023 को बम्पाडा में नार्थ ओडिशा चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज (एनओसीसीआई) की बालासोर इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी में मछुआरों, मछली उत्पादकों और मत्स्य पालन क्षेत्र के अन्य हितधारकों के साथ प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) जैसी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए आयोजित किया गया था। वर्तमान चुनौतियों, उपलब्धियों और अवसरों पर चर्चा की गई और प्रतिभागियों ने इन योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए अपनी प्रतिक्रियाएं और सुझाव दिए। कार्यक्रम की शुरुआत बालासोर में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में दीप प्रज्वलित कर की गई। बैठक में शामिल अन्य गणमान्य व्यक्तियों में केंद्रीय कृषि मंत्री, नरेंद्र सिंह तोमर (वीडियो के माध्यम से), सावार धननिया, (अध्यक्ष, रबर बोर्ड), राजेंद्र राउत, अध्यक्ष (रेमुना ब्लॉक), सुधांशु शेखर परीदा (विधायक, रेमुना निर्वाचन क्षेत्र), प्रताप चंद्र सोलंकी (सांसद, बालासोर), दत्तात्रेय भाऊसाहेब शिंदे (जिलाधिकारी, बालासोर), एमसी डोमिनिक (संस्थापक और प्रधान संपादक, कृषि जागरण) शामिल थे। मत्स्य, पशुपालन और डेयरी के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री परशोत्तम रुपाला ने कुरुदा क्षेत्र में कृषि संयंत्र के विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया और लगभग 75 स्थानीय सफल किसानों को सम्मानित किया।
आगे बढ़ते हुए, केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रुपाला ने प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) योजना और नीली क्रांति (ब्ल्यू रिवोल्यूशन) की अन्य बहुआयामी गतिविधियों, जिसमें (अंतर्देशीय और समुद्री दोनों के लिए) मत्स्य उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने उससे जुड़ी ऐसी गतिविधियों, जिनमें बुनियादी विकास, विपणन, निर्यात और संस्थागत व्यवस्था आदि शामिल हैं ,पर विशेष ध्यान दिया गया है, के बारे में एक सभा को संबोधित किया। इस संबंध में, बालासोर में उनकी अध्यक्षता में समीक्षा बैठक हुई। उन्होंने गणमान्य व्यक्तियों/अधिकारियों, पीएमएमएसवाई और किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के लाभार्थियों से बातचीत की। इसके अलावा, उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पीएमएमएसवाई योजना के कार्यान्वयन पर प्रकाश डाला और लाभार्थियों, मछुआरों, मछली किसानों (उत्पादकों) और केसीसी के लिए प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और केसीसी जैसी योजनाओं के कार्यान्वयन के माध्यम से मत्स्य पालन की मूल्य श्रृंखला में अंतराल को समाप्त करने के बारे में विस्तार से बात की। परशोत्तम रुपाला ने इस कार्यक्रम मत्स्य पालन विभाग, भारत सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धियों, जैसे कि 47 नई मीठे पानी की फिनफिश, 2 प्रॉन हैचरी, 4 खारा के निर्माण की मंजूरी वाटर हैचरी, 4 बड़े मरीन फिनफिश हैचरी, अस्टारंगा (नुआगढ़) पुरी जिले में स्टेज II फिशिंग हार्बर, 18 आइस प्लांट/कोल्ड स्टोरेज, 12 फिश रिटेल मार्केट और 32 फिश कियोस्क, 18 नई फिश फीड मिल यूनिट और 3 फिश फीड प्लांट और उनकी सफलता पर प्रकाश डाला।
इसके अतिरिक्त उन्होंने 8 कोल्ड स्टोरेज के आधुनिकीकरण की स्वीकृति, जलीय कृषि के लिए 750 हेक्टेयर क्षेत्र के विस्तार, खारे पानी के जलीय कृषि के लिए 800 हेक्टेयर क्षेत्र के विस्तार, पारंपरिक मछुआरों के लिए 5 नए गहरे समुद्र में मछली पकड़ने के जहाजों के अधिग्रहण, 2 जलाशयों की स्थापना, 2300 जलाशय पिंजरों की स्थापना, 7 सजावटी मछली पालन और प्रजनन इकाइयों की स्थापना, 157 रीसर्क्युलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम की स्थापना, 750 उपज- उपरान्त (पोस्ट-हार्वेस्ट) परिवहन इकाइयों की स्वीकृति (10 रेफ्रिजरेटेड वाहन, 115 इंसुलेटेड वाहन, 5 लाइव फिश वेंडिंग सहित) केंद्र, बर्फ के बक्से (आइस बॉक्स) के साथ 400 मोटर साइकिल, और बर्फ के बक्से के साथ 220 तिपहिया वाहन, मशीनीकृत मछली पकड़ने के जहाजों में 10 बायो-टॉयलेट की स्थापना, 1700 संचार और / या वीएचएफ / ट्रांसपोंडर आदि जैसे पारंपरिक और मोटर चालित जहाजों के लिए ट्रैकिंग डिवाइस, 560 नावें और पारंपरिक मछुआरों के लिए जाल, पारंपरिक और मोटरयुक्त मछुआरों के लिए 781 सुरक्षा किट की स्वीकृति मछली पकड़ने के जहाज, 8 रोग निदान और गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाएं, मोबाइल लैब / क्लीनिक आदि इए अतिरिक्त एकीकृत विकास पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने इस दौरान यह भी साझा किया कि 2020- 21 से 2022- 23 के दौरान मछली पकड़ने पर प्रतिबंध होने/इसकी अवधि कम रहने के दौरान सागर मित्र के लिए 600 बहुउद्देशीय रोजगार और 44,417 सामाजिक- आर्थिक रूप से पिछड़े और सक्रिय पारंपरिक मछुआरा परिवारों को पोषण और आजीविका सहायता दी गई है । इसके अलावा, उन्होंने प्रधानमन्त्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) और भारत सरकार की अन्य योजनाओं के लिए मत्स्य पालन क्षेत्र के तहत वित्तीय उपलब्धियों पर 967 करोड़ रुपये के कुल लक्षित निवेश के साथ 372 करोड़ रुपये के केंद्रीय निधि आवंटन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सार्वजनिक बैठकें लीं और विभागों के भीतर विभिन्न गतिविधियों पर भी चर्चा की। मछली किसानों, मछुआरों, व्यापार किसानों, स्थानीय लोगों के साथ बातचीत सत्र आयोजित किया गया जिन्होंने सत्र में बातचीत के दौरान अपने मुद्दों और सुझावों को रखा।
इंटरएक्टिव बातचीत का यह सत्र निश्चित रूप से सामने आने वाले मुद्दों को संबोधित करने में सहायक बनेगा और मत्स्य क्षेत्र के विकास में सुधार के लिए इस पर काम भी किया जाएगा। समीक्षा बैठक कार्यक्रमों का भविष्य की पीढ़ियों पर महत्वपूर्ण और स्थायी प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि इनसे मत्स्य पालन क्षेत्र की वृद्धि और विकास के लिए दूरगामी सकारात्मक परिणामों के साथ विभिन्न विकासात्मक मुद्दों का व्यापक रूप से समाधान निकाला जा सकेगा।