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केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित ‘निवेशक सूचना और विश्लेषण प्लेटफॉर्म’ को लॉन्च किया

केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और उद्यमिता व जल शक्ति राज्य मंत्री श्री राजीव चंद्रशेखर ने आज आईआईटी मद्रास द्वारा विकसित ‘निवेशक सूचना और विश्लेषण प्लेटफॉर्म’ को जारी किया। यह प्लेटफॉर्म सभी हितधारकों के लिए वेंचर कैपिटलिस्ट (वीसी) और निवेशकों के नेटवर्क, सरकारी योजनाओं व स्टार्टअप क्षेत्र के कई अन्य घटकों तक सुगम तरीके से पहुंचने को लेकर स्टार्टअप्स के लिए एक वन-स्टॉप शॉप के रूप में कार्य करेगा।

विभिन्न स्तरों पर जानकारी को एकीकृत करके यह प्लेटफॉर्म उद्यमियों के लिए सरकारी एजेंसियों, इनक्यूबेटरों, निवेशकों, वीसी और बैंकों, जो स्टार्टअप में निवेश करते हैं, के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए वन-स्टॉप शॉप भी है।

इस प्लेटफॉर्म को आईआईटी- मद्रास के सेंटर फॉर रिसर्च ऑन स्टार्ट-अप्स एंड रिस्क फाइनेंसिंग (सीआरईएसटी) के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है। इससे स्टार्टअप संस्थापकों, उद्यमियों व युवा भारतीयों को काफी सहायता मिलेगी, जो भारत और विश्व के लिए अपने खुद के उपकरण, सेवाएं और प्लेटफॉर्म का निर्माण करने का संकल्प रखते हैं।

इस अवसर पर श्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा, “इस प्लेटफॉर्म को शुरू करने के लिए बधाई। मेरा मानना है कि आप निश्चित रूप से नवाचार इकोसिस्टम की हमारी दृश्यता में एक कमी को दूर कर रहे हैं- हमारा स्टार्टअप इनोवेशन इकोसिस्टम कितना विशाल, गहरा और विविधतापूर्ण है। मैं इसे शोधकर्ताओं के लिए एक मूल्यवान संसाधन के रूप में देखता हूं, जो इकोसिस्टम के भीतर विकास को समझने के लिए इसका अध्ययन और उपयोग करेंगे। इसके अलावा यह समझ सार्वजनिक नीति निर्माताओं को इन डायनिमिक्स के अनुरूप प्रतिक्रियाएं और पहल तैयार करने में भी सहायता कर सकती है। यह समग्र दृष्टिकोण नवाचार इकोसिस्टम पर व्यापक रूप से शोध करने के लिए महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से यह समझने के लिए कि हमने पिछले 2-3 वर्षों में एक संपन्न स्टार्टअप नवाचार इकोसिस्टम का निर्माण किया है। अभी बहुत कुछ आना बाकी है, नवप्रवर्तन की अगली लहर सेमीकंडक्टर, माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स, एआई, एचपीसी जैसे क्षेत्रों से उभर रही है।”

इस अनूठे प्लेटफॉर्म की एक महत्वपूर्ण विशेषता “स्टार्टअपजीपीटी” है, जो एक एआई-आधारित संवाद प्लेटफॉर्म है, जिसका कार्य उन लोगों के लिए सूचना पहुंच को आसान बनाने में सहायता करना है, जो संपूर्ण डेटा नेविगेट कर रहे हैं। कोई उपयोगकर्ता रियल टाइम में वांछित जानकारी तक पहुंचने के लिए सरल भाषा में सवाल पूछ सकेंगे। इस प्लेटफॉर्म की स्थिरता के लिए बहुत ही मामूली लागत पर पूरी पहुंच प्रदान की जाएगी, जिससे अधिकतम उद्यमी इस संसाधन से लाभान्वित हो सकें।

इस प्लेटफॉर्म के पास 2,00,000 से अधिक स्टार्ट-अप्स, लगभग 11,000 प्रमुख निवेशकों व 5,000 वीसी, लगभग 1000 इनक्यूबेटर, 100 से अधिक सरकारी एजेंसियां जो स्टार्ट-अप का वित्तीय पोषण करती हैं और लगभग 550 बैंकों, जिन्होंने स्टार्ट-अप का समर्थन किया है, के बारे में जानकारी है।

आईआईटी- मद्रास ने प्लेटफॉर्म विकसित करने के लिए अपने एक इनक्यूबेटी स्टार्ट-अप वाईएनओएस वेंचर इंजन के साथ साझेदारी की है। यह तकनीकी साझेदारी निजी क्षेत्र के उद्यम की ताकत का लाभ लेने के साथ यह सुनिश्चित करती है कि प्लेटफॉर्म अप-टू-डेट है और उपयोगकर्ताओं के लाभ के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध है। इस प्लेटफॉर्म तक पहुंचने के लिए हाइपरलिंक है- http://www.ynos.in/www.ynos.in।

आईआईटी मद्रास स्थित सीआरईएसटी के प्रमुख प्रोफेसर थिल्लई राजन ए ने भारत में नवाचार और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने में इस प्लेटफॉर्म की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “वाणिज्यिक उत्पादों और सेवाओं में नवाचार का उपयोग करने के लिए नवप्रवर्तकों, सलाहकारों, स्टार्ट-अप संस्थापकों, निवेशकों और फंडिंग एजेंसियों के एक साथ आने की जरूरत होती है। जैसे-जैसे भारत एक मजबूत नवाचार संचालित अर्थव्यवस्था के आधार पर विकसित भारत की ओर आगे बढ़ रहा है, ऐसे प्लेटफॉर्म सूचना और पूंजी तक पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जो नवाचार के व्यावसायीकरण को गति दे सकते हैं। सबसे बड़े लाभार्थी लाखों युवा उद्यमी होंगे, जो अपने उद्यमों के लिए सबसे उपयुक्त विशेषज्ञों, निवेशकों और सलाहकारों की आसानी से पहचान करने में सक्षम होंगे।

प्रोफेसर थिल्लई राजन ए, जो आईआईटी मद्रास के प्रबंधन अध्ययन विभाग के एक शिक्षक भी हैं, ने आगे कहा, “यह मंच भारत के शीर्ष रैंक वाले शैक्षणिक संस्थान का एक अच्छा उदाहरण है, जो राष्ट्रीय हित में योगदान देने वाले उत्पाद को विकसित करने में अपनी अनुसंधान विशेषज्ञता का उपयोग करता है। भारतीय उद्यमी अपने मितव्ययी नवाचार के लिए जाने जाते हैं। पूर्ण रूप से निजी उद्यम के माध्यम से ऐसा एक विश्वस्तरीय मंच विकसित करने से यह उन शुरुआती उद्यमियों की पहुंच से बाहर हो जाएगा, जिनके पास संसाधन सीमित हैं। मैं उत्कृष्ट संस्थान योजना की परिकल्पना व समर्थन के लिए आईआईटी- मद्रास और भारत सरकार के समर्थन का आभारी हूं, जिसके कारण यह प्लेटफॉर्म एक वास्तविकता बन गया है।”