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यूपी विधानसभा चुनाव: चुनावी माहौल के बीच किसानों का विरोध प्रदर्शन, आज मनाएंगे ‘विश्वासघात दिवस’

केंद्र की मोदी सरकार पर भारतीय किसान यूनियन के किसानों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने उनसे किए गए वादों को पूरा नहीं किया है। ऐसे में उन्होंने कहा कि वह सब आज विश्वासघात दिवस’ मनाएंगे।

वहीं भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आज सोमवार को कृषि मुद्दों पर देश भर में ‘विश्वासघात दिवस’ मनाया जाएगा। साथ ही भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने रविवार को दावा किया कि नौ दिसंबर को सरकार द्वारा किए गए वादों के एक पत्र के आधार पर दिल्ली की सीमाओं पर एक साल से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन को वापस ले लिया गया था, लेकिन वादे अधूरे रह गए थे।

दरअसल राकेश टिकैत ने एक ट्वीट में कहा कि सरकार द्वारा किसानों से वादाखिलाफी के खिलाफ 31 जनवरी को देशव्यापी ‘विश्वासघात दिवस’ मनाया जाएगा। सरकार के नौ दिसंबर के जिस पत्र के आधार पर आंदोलन स्थगित किया गया था, सरकार ने उनमें से कोई वादा पूरा नहीं किया है।

वहीं संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि 31 जनवरी को देश भर में ‘विश्वासघात दिवस‘ के रूप में मनाने की घोषणा की है, जिसमें जिला और ब्लॉक स्तर पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे। समन्वय समिति की बैठक के बाद किसान संगठनों के एक संघ एसकेएम ने एक बयान में कहा, “मोर्चे से जुड़े सभी किसान संघ इस विरोध को बड़े उत्साह के साथ रखेंगे। उम्मीद है कि यह कार्यक्रम देश के कम से कम 500 जिलों में आयोजित किया जाएगा।”

गौरतलब है कि बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मुख्य मांगों को लेकर नवंबर 2020 में किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन शुरू किया था। किसानों ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी समेत अन्य मांगों पर एक साल से अधिक समय तक सिंघू, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने दिसंबर में दिल्ली की सीमाओं को खाली कर दिया।

सरकार ने क्या वायदे किये थे?

किसानों को एमएसपी दिये जाने के लिये कमेटी का गठन।

आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का वादा।

भारत सरकार के सभी विभागों, एजेंसियां और संघशासित राज्यों में आंदोलनकारियों दर्ज मुकदमों को वापस लेने पर सरकार की सहमति
बिजली बिल पर किसान पर असर डालने वाले बिल पर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से चर्चा के बाद ही बिल संसद में पेश किया जाएगा।

गौरतलब है कि यूपी में 7 चरणों में चुनाव होंगे, पहले चरण के तहत 10 फरवरी को वोटिंग होगी। दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, 5वां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और 7 चरण 7 मार्च को संपन्न होगा। 10 मार्च को मतगणना होगी और नतीजे आएंगे।