यूपी चुनाव 2022: इस्तीफे के बाद बोले मौर्य, कहा योगी, मोदी से नहीं है कोई नाराजगी, कोई मेरी सुनता नहीं था, इस बात से हूं नाराज
शायद ही किसी ने कल्पना की होगी कि ठीक सात दिन पहले तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ एक ही मंच पर लोकभवन में श्रमिकों के खाते में पैसा डालते नज़र आ रहे श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा का साथ छोड़ देंगे। पार्टी के विधायकों और उनके करीबीयों की मानें तो वह पार्टी में तवज्जो न मिलने की वजह से नाराज थे। शायद यही कारण रही होगी कि उन्होंने कहा कि पीएम मोदी, सीएम योगी, अमित शाह जेपी नड्डा आदि से उनकी कोई नाराजगी नहीं है। मेरी नाराजगी गलत नीतियों की वजह से थी।
दूसरी ओर यह भी बातें चल रही है कि बेटे उत्कृष्ट मौर्य समेत समाज के कुछ लोगों के टिकट की चाह को सही राह न मिलने की वजह से वह भीतर ही भीतर खिन्न थे। वह पार्टी से क्यों नाराज हो गए? उनकी नाराजगी के पीछे क्या कारण थी? अब उनके इस्तीफे के बाद इनका खुलासा धीरे-धीरे होने लगा है। सियासी जानकारों के अनुसार संगठन में अहमियत न दिए जाने की वजह से वह नाराज थे।
बसपा सरकार में मायवती, नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बाबू सिंह कुशवाहा के बाद मौर्य चौथे स्थान के नेता माने जाते थे। वह बसपा सरकार में सहकारिता मंत्री रहे। माना जा रहा है कि श्रम विभाग जैसा महत्वहीन मंत्रालय दिए जाने की वजह से वह खिन्न थे। उन्होंने कई बार पार्टी स्तर पर इस बारे में अपना विरोध भी जताया। उन्हें हाल में गठित भाजपा की प्रदेश चुनाव समिति में भी जगह नहीं मिली जबकि भाजपा में शामिल उनसे कई जूनियर नेता इसमें शामिल किए गए।
वहीं कुछ दिन पहले लखनऊ में हुए पार्टी के पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में उनकी बेटी को मंच से भाषण न दिए जाने पर कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम में नारेबाजी की थी। उस वक़्त से ही बात साफ हो गई थी कि कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर चल रही है, जो उनके इस्तीफे के साथ ही साफ हो गई।