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यूपी विधानसभा चुनाव 2022- कांग्रेस का दामन छोड़ सपा की साइकिल पर सवार हुए पूर्व जिलाध्यक्ष, 33 साल बाद पार्टी को कहा अलविदा

उत्तर प्रदेश में इन दिनों चारों तरफ विधानसभा चुनाव की चर्चा है। इसी के साथ ही नेताओं का पार्टी बदलने का कार्यक्रम भी तेज़ है। लंबे अरसे तक कांग्रेस की राजनीति करते चले आ रहे प्रदेश सचिव व पूर्व जिलाध्यक्ष मकसूद आलम अब सपा में शामिल हो गए है।

उनके साथ कई और कांग्रेसियों ने भी पार्टी को अलविदा कहकर सपा में आस्था जताई है। दरअसल मकसूद आलम सुल्तानपुर से टिकट की दावेदारी कर रहे थे लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं देकर फिरोज अहमद को टिकट दिया है।

मुस्लिम बाहुल्य सीट होने के नाते कांग्रेस से फिरोज अहमद और मकसूद आलम दोनों ने टिकट के लिए अपनी-अपनी ताकत झोंक रखी थी। अंतिम समय में पार्टी ने मकसूद आलम को साइड लाइन करते हुए फिरोज पर विश्वास जताया। वो इसलिए कि फिरोज प्रियंका खेमे के और मकसूद राहुल खेमे के नेता माने जाते हैं। जिस समय दिल्ली की में यूपीए की हुकूमत थी उस समय राहुल गांधी ने मकसूद आलम को लगातार दो बार कांग्रेस का जिलाध्यक्ष बनाया और उन्होंने अमेठी व सुल्तानपुर का प्रतिनिधित्त्व किया।

दशकों से कांग्रेस के साथ डटे रहने का पूर्व में कांग्रेस ने उन्हें इनाम भी दिया। यूपीए की सरकार में दंपति को सरकारी कोटे से जहां हज करने का मौका मिला था वही कांग्रेस सरकार में उन्हें पेट्रोल पंप की सौगात मिली। लेकिन इस बार टिकट न मिलने का गम मकसूद आलम को इस तरह हुआ कि चुनाव से ठीक 15 दिन पहले उन्होंने बरसों पुरानी पार्टी को अलविदा कहकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम कर सुल्तानपुर से पूर्व विधायक अनूप संडा को जिताने का बीड़ा उठा लिया है।

दरअसल मकसूद आलम अंगनाकोल के मूल निवासी हैं। पहली बार 1971 में वो युवक कांग्रेस के कूरेभार ब्लॉक के अध्यक्ष बने। फिर 1976 में उन्हें यूथ कांग्रेस में जिला उपाध्यक्ष का पद मिला। इसके बाद वो लोकदल में चले गए फिर 1980 में यूथ फॉर डेमोक्रसी (बहुगुणा) के जिलाध्यक्ष हुए। विलय के बाद।1982 में उन्हें युवा लोकदल (चरण सिंह) का जिलाध्यक्ष बनाया गया। 1984 से 88 तक मकसूद आलम युवा लोकदल के प्रदेश महासचिव रहे और 1989 में उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया।

इस कार्यकाल के बीच 1980 में वो पहली बार इसौली से निर्दल और 1985 में जयसिंहपुर से लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन पराजित हुए। कांग्रेस में रहते हुए 1992 में वो पीसीसी मेंबर हुए। इसके बाद 2002 में कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष और 2006 से 2012 तक दो बार जिलाध्यक्ष रहे।

गौरतलब है कि यूपी में 7 चरणों में चुनाव होंगे, पहले चरण के तहत 10 फरवरी को वोटिंग होगी। दूसरा चरण 14 फरवरी, तीसरा चरण 20 फरवरी, चौथा चरण 23 फरवरी, 5वां चरण 27 फरवरी, छठा चरण 3 मार्च और 7 चरण 7 मार्च को संपन्न होगा। 10 मार्च को मतगणना होगी और नतीजे आएंगे।