अमरीका ने 2030 तक 450 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा हासिल करने की भारत की प्रतिबद्धता की सराहना की
केन्द्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने जलवायु पर अमरीकी राष्ट्रपति के विशेष दूत जॉन केरी के नेतृत्व में एक शिष्टमंडल से मुलाकात की। बैठक का उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर और सहयोग पर चर्चा करना तथा दोनों देशों के बीच ऊर्जा संक्रमण पर शेष दुनिया के लिए मार्ग प्रशस्त करने को लेकर एक वास्तविक साझेदारी की दिशा में काम करना था। विद्युत मंत्रालय के सचिव श्री आलोक कुमार और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
अमरीकी पक्ष ने ऊर्जा पहुंच अभियान और 2030 तक 450 गीगावॉट अक्षय ऊर्जा हासिल करने की प्रतिबद्धता के लिए भारत की सराहना की। उन्होंने 18 महीनों में 28.02 मिलियन घरों में विद्युतीकरण करने और सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण हासिल के लिए भारत की सराहना की।
आर. के. सिंह ने अमरीकी पक्ष को स्वच्छ ऊर्जा संक्रमण की ओर बढ़ने के भारत सरकार के इरादे के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा को अपनाने के लिए सबसे बड़ी चुनौती “भंडारण” थी, जिसे जनता के लिए बिजली सुलभ बनाने के लिए तुरंत समाधान करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि आने वाले महीनों में ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजरों के लिए बड़ी बोली लगाने की योजना है।
सिंह ने अमेरिकी पक्ष से अपनी कंपनियों को बोलियों में भाग लेने के लिए भेजने का अनुरोध किया। उन्होंने लद्दाख में ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर पर भारत की आगामी परियोजनाओं पर भी प्रकाश डाला।