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US ने सख्त फैसला लेते हुए आर्मी से संबंध रखने वाली इन देशों की 27 कंपनियों को किया ब्लैक लिस्ट

ख़बरों के अनुसार बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन ने सेना से संबंध रखने वाली 27 विदेशी कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। आपको बता दें बैन की गईं कंपनियों में सबसे ज्यादा कंपनी 12 चीन की हैं। इसके अलावा पाकिस्तान, जापान, रूस और सिंगापुर की फर्म्स भी इस लिस्ट का हिस्सा हैं। हालांकि कुछ दिनों पहले अमेरिकी सरकार ने कहा था कि उन विदेशी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो अवैध तरीके से उन देशों की सेनाओं को मदद करती हैं। इसके बाद अब यह लिस्ट जारी की गई है।

बता दें अमेरिकी विदेश विभाग ने पिछले हफ्ते कहा था- ऐसी विदेशी कंपनियों के खिलाफ हम सख्त कार्रवाई करने जा रहे हैं जो अमेरिकी हितों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। हमारी नेशनल सिक्योरिटी इन कंपनियों की वजह से प्रभावित हो रही है। इसके अलावा फॉरेन पॉलिसी भी प्रभावित होती है। कुल मिलाकर 27 कंपनियों मिलिट्री एंड यूजर (MEU) लिस्ट में रखा गया है। इसमें से एक रशियन बेस्ड है। इसके अलावा 12 कंपनियां चीन की हैं। पाकिस्तान, जापान और सिंगापुर की कंपनियां भी इस लिस्ट में शामिल हैं।

US कॉमर्स डिपार्टमेंट के ब्यूरो ऑफ इंडस्ट्री एंड सिक्योरिटी के अनुसार, एक्सपोर्ट एडमिनिस्ट्रेशन रेग्युलेशन्स में बदलाव किया गया है। इसके बाद 27 और कंपनियों को बैन या ब्लैक लिस्ट किया गया है। ये कंपनियां अमेरिकी टेक्नोलॉजी देश से बाहर नहीं ले जा पाएंगी। पाकिस्तान को इस लिस्ट में उसके न्यूक्लियर प्रोग्राम की वजह से रखा गया है। अब ये कंपनियां अमेरिका में कारोबार भी नहीं कर सकेंगी।

ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि इनमें से कुछ कंपनियां ऐसी हैं जो ईरान को न्यूक्लियर वेपन्स हासिल करने में मदद कर रही हैं। अमेरिका और इजराइल के अलावा कई पश्चिमी देश ईरान के एटमी हथियार प्रोग्राम को अपने लिए खतरा मानते हैं। नॉर्थ कोरिया को भी ध्यान में रखा गया है जो चीन का करीबी है। कहा जा रहा है कि चीन की कुछ कंपनियां पाकिस्तान को बैलेस्टिक मिसाइल प्रोग्राम में मदद कर रही हैं। पाकिस्तान के न्यूक्लियर प्रोग्राम को अमेरिका ने कई बार असुरक्षित बताया है।