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रेमडेसिविर पर सीमा शुल्क माफ करने से घरेलू उपलब्धता बढ़ेगी: सदानंद गौड़ा

रसायन और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने बुधवार को कहा कि एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर पर सीमा शुल्क माफ करने के सरकार के फैसले से इस दवा की आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिलेगी।

देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के बीच सरकार ने मंगलवार को रेमडेसिविर, इसके कच्चे माल तथा वायरल रोधी दवा बनाने में इस्तेमाल होने वाले अन्य सामान पर सीमा शुल्क समाप्त करने की घोषणा की थी।

इस कदम से रेमडेसिविर इंजेक्शन की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और लागत घटाने में मदद मिलेगी। रेमडेसिविर का इस्तेमाल कोरोना वायरस के इलाज में होता है।

राजस्व विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार ने जन हित में इन उत्पादों पर सीमा शुल्क समाप्त करने का फैसला किया है।

गौड़ा ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘फार्मास्यूटिकल्स विभाग की सिफारिश पर तत्काल आवश्यकता को देखते हुए राजस्व विभाग ने रेमडेसिविर और इसके एपीआई/ केएसएम पर सीमा शुल्क घटा दिया है। यह कदम घरेलू उपलब्धता को और बढ़ाएगा।’’

जिन उत्पादों पर अब आयात शुल्क नहीं लगेगा उनमें रेमडेसिविर एक्टिव फार्मास्युटिकल इंग्रिडिएंट्स (एपीआई), इंजेक्शन रेमडेसिविर और रेमडेसिविर के विनिर्माण में काम आने वाली बीटा साइक्लोडेक्ट्रिन शामिल है।

आयात शुल्क की यह छूट इस साल 31 अक्टूबर तक लागू रहेगी।

इससे पहले 11 अप्रैल को रेमडेसिविर की बढ़ती मांग के मद्देनजर केंद्र ने इसके इंजेक्शन और एपीआई के निर्यात को स्थिति में सुधार आने तक प्रतिबंधित कर दिया था।

राष्ट्रीय औषधि मूल्य प्राधिकरण (एनपीपीए) ने पिछले सप्ताह कहा था कि सरकार के हस्तक्षेप के बाद विभिन्न दवा कंपनियों ने रेमडेसिविर के दाम घटाए हैं।