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जल जीवन मिशन: असम ने साल 2021-22 के लिए अपनी वार्षिक कार्य योजना पेश की

असम राज्य ने आज वित्त वर्ष 2021-22 के लिए अपनी जल जीवन मिशन वार्षिक कार्य योजना को विस्तार से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रस्तुत किया। साथ ही पूरे राज्य के हर ग्रामीण घर में नल से जल कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना भी साझा की।

असम में 63.35 लाख ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से 6.67 लाख (10.75 प्रतिशत) को नल द्वारा जल आपूर्ति मिल रही है। राज्य की योजना वर्ष 2024 तक सभी घरों में नल द्वारा जल कनेक्शन पहुंचाने की है। वर्ष 2021-22 में असम में 20.63 लाख घरेलू कनेक्शन और 2 जिलों के 100 फीसदी घरों को जल कनेक्शन देने की योजना है।


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साल 2020-2021 में, राज्य ने ग्रामीण क्षेत्रों में 4.76 लाख नल कनेक्शन प्रदान किए हैं। वर्तमान में, राज्य में 256 ‘हर घर जल’ गांव हैं, और 7,897 स्कूलों और 1,582 आंगनवाड़ी केंद्रों में पाइप से पानी की आपूर्ति उपलब्ध है। राज्य से आग्रह किया गया है कि जल्द से जल्द स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में पाइप जलापूर्ति सुनिश्चित की जाए।

जल जीवन मिशन के तहत राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों की वार्षिक कार्य योजना को अंतिम रूप देने की व्यापक कवायद, राष्ट्रीय पेयजल एवं स्वच्छता विभाग, विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों / विभागों और नीति आयोग के सचिव की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय समिति द्वारा की जाती है।


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इसके बाद, प्रगति और व्यय के आधार पर वर्ष भर में धन जारी किया जाता है। राज्य को ‘हर घर जल’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने के लिए इस तरह की विस्तृत योजना बनाई गई है।

वार्षिक कार्य योजना पीने के पानी के स्रोत को मजबूत बनाने और उसके संवर्द्धन पर जोर देती है। साथ ही घरेलू नल कनेक्शन, ग्रे-वाटर ट्रीटमेंट और उसके पुन: उपयोग, संचालन और रखरखाव, लोगों को सूचित, शिक्षित और उनसे संवाद करने के लिए एक प्रभावी रणनीति तैयार करने के साथ साथ हितधारकों के प्रशिक्षण, सामुदायिक लामबंदी और जल गुणवत्ता निगरानी सहित विभिन्न सहायता गतिविधियों को भी रेखांकित करती है।


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इसमें इस बात पर भी जोर दिया जाता है कि जल परीक्षण प्रयोगशालाओं को मजबूत किया जाए और उनकी एनएबीएल मान्यता सुनिश्चित की जाए।

जल जीवन मिशन के तहत, 2021-2022 के दौरान, असम को लगभग 3000 करोड़ रुपये की केंद्रीय निधि मिलेगी और राज्य को समिति द्वारा सलाह दी गई है कि वे राज्य का शेयर भी उसमें शामिल कर एक उचित व्यय योजना तैयार करे।

राज्य को विभिन्न कार्यक्रमों जैसे कि मनरेगा, स्वच्छ भारत मिशन, पंचायती राज संस्थानों को 15वां वित्त आयोग अनुदान, क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैंपा) और स्थानीय क्षेत्र विकास निधि आदि के अभिसरण के माध्यम से भी प्राप्त धन के प्रभावी उपयोग की सलाह दी गई है जिससे कि ग्रामीण स्तर पर पीने के पानी संबंधी सुरक्षा प्रदान की जा सके।


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जल जीवन मिशन स्थानीय ग्राम समुदाय को सशक्त बना रहा है क्योंकि यह न केवल महिलाओं और बेटियों के जीवन को आसान बना रहा है, बल्कि उन्हें अपनी शिक्षा जारी रखने, विभिन्न व्यवसाय सीखने, अपने कौशल को उन्नत करने और अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए भी सक्षम बना रहा है।

चूंकि महिलाएं ही मुख्य रूप से हर घर में पानी की प्रबंधक हैं इसलिए पहले ज्यादातर ग्रामीण महिलाओं का वक्त दूर दराज से पानी भरकर लाने में ही बीत जाता था।

जल जीवन मिशन हर गांव के लिए ग्राम कार्य योजना और पानी समिति के गठन की तैयारी पर केंद्रित है ताकि स्थानीय समुदाय उनके लिए बनाई गई जल आपूर्ति इंफ्रास्ट्रक्चर की योजना, कार्यान्वयन, संचालन और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए। राज्य 2021-22 में 4,051 राजमिस्त्री और प्लंबर के कौशल प्रशिक्षण की योजना बना रहा है।


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यह नोट किया गया कि असम में 15,287 ग्राम कार्य योजनाएं तैयार करने और इस वर्ष लगभग 8,089 ग्राम जल और स्वच्छता समितियों का गठन करने की योजना है।

जल जीवन मिशन के तहत, स्थानीय समुदाय को पानी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ग्रामीण समुदाय के साथ मिलकर उसे सशक्त बनाने और जुड़ने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए एक कार्य योजना तैयार की गई है जिसमें समुदाय के लिए फील्ड परीक्षण किट की समय पर खरीद और आपूर्ति जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया है।

हर गाँव में कम से कम पाँच महिलाओं की पहचान, सामुदायिक परीक्षण के लिए महिलाओं को प्रशिक्षित करना, फील्ड टेस्ट किट का उपयोग और परीक्षा परिणाम निष्कर्ष की रिपोर्टिंग कैसे करें आदि गतिविधियां भी इसमें शामिल हैं। जल परीक्षण और गुणवत्ता की प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए, राज्य ने 2021-22 में 20,000 सेनेटरी निरीक्षण की योजना बनाई है।

इसके अलावा, समिति ने राज्य को इस वर्ष तत्काल आधार पर 38 प्रयोगशालाओं (22 जिला स्तर और 16 सब-डिवीजन स्तर प्रयोगशाला) की एनएबीएल मान्यता प्राप्त करने की सलाह दी।


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जल जीवन मिशन केंद्र सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नल द्वारा जल कनेक्शन उपलब्ध कराना है। 2021-22 में, जल जीवन मिशन के लिए 50,011 करोड़ रुपए के बजट आवंटन के अलावा, 26,940 करोड़ रुपए कई सुनिश्चित निधि भी उपलब्ध है।

यह 15 वें वित्त आयोग से संबंधित अनुदान है जो पानी और स्वच्छता के लिए ग्रामीण स्थानीय संस्थाओं और पंचायती राज संस्थानों को दिया जाता है। राज्य के हिस्से की बराबरी और बाहरी सहायता के साथ-साथ राज्य द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं के लिए इसे प्रदान किया जाता है।

इस प्रकार, 2021-22 में देश भर के ग्रामीण घरों में नल द्वारा जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की योजना है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के निवेश से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।