ब्लॉकचेन क्या है? सबसे आसान भाषा में समझिए
ब्लॉकचेन को हम अलग-अलग ब्लॉक की एक शृंखला कह सकते हैं, इन ब्लॉक्स में सूचनाएं छिपी रहती हैं। ब्लॉकचेन के इस्तेमाल का मकसद डिजिटल दस्तावेज़ों को एक खास समय पर फिक्स करना करना होता है ताकि उन्हें बैकडेट करना या उनके साथ छेड़छाड़ करना संभव नहीं हो सके। ब्लॉकचेन की तकनीक हमें सेंट्रल सर्वर का इस्तेमाल किए बिना दो रिकॉर्ड की समस्या से भी निजात दिला सकती है।
ब्लॉकचेन तकनीक का इस्तेमाल कर बैंक, सरकार या किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की आवश्यकता के बिना धन, संपत्ति, समझौते आदि वस्तुओं का आसानी से आदान-प्रदान किया जा सकता है। इस तकनीक की खासियत यह है कि एक बार जब कोई डेटा एक ब्लॉकचेन के अंदर दर्ज हो जाता है, तो उसे बदलना मुश्किल ही नहीं लगभग-लगभग नामुमकिन ही हो जाता है।
एक आसान उदाहरण से समझिए क्या है ब्लॉकचेन?
मान लिजिए आप किसी मॉल में शॉपिंग कर रहे हैं। जैसे ही आप काउंटर पर अपनी खरीदी हुई चीज का भुगतान करने जाते हैं आपको पता चलता है कि आपका डेबिट या क्रेडिट कार्ड काम नहीं कर रहा है। आपको यह सूचना मिलती है कि आपके बैंक के सर्वर में खराबी के कारण उस बैंक का कोई भी ग्राहक जिसमें आप भी शामिल हैं अपने कार्ड का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। तब आप क्या करेंगे? जाहिर सी बात है अगर ऐसी स्थिति में आप कभी फंसते हैं तो आपको परेशानी होगी।
अब एक दूसरे पहलू पर गौर कीजिए। मान लिजिए आप जिस मॉल में खरीदारी कर रहे हों उसके पास किसी ऐसे डेटा या लेजर का एक्सेस हो जो आपके डेबिट और क्रेडिट कार्ड से होने वाली हर लेन-देन को अपडेट कर सकता हो चाहे उस बैंक का सर्वर काम करे या न करे। अगर ऐसा होता है तो आप अपने बैंक का सर्वर डाउन रहने के बावजूद अपने कार्ड्स का इस्तेमाल कर पाएंगे। क्योंकि, मॉल अपने डेटा में आपकी खरीदारी की राशि को अपडेट कर देगा और जब आपके बैंक का सर्वर ठीक हो जाएगा यह वहां भी अपडेट हो जाएगा। ऐसे में आप बिना की किसी परेशानी के सर्वर डाउन रहने की स्थिति में भी खरीदारी कर पाएंगे। यही ब्लॉकचेन तकनीक है।
ब्लॉकचेन का वो उदाहरण जिसका हम इस्तेमाल करते हैं?
हम में से ज्यादातर लोगों ने कभी ना कभी Google स्प्रेडशीट का इस्तेमाल किया है। अगर हम सोचकर देखें तो पाएंगे कि हम जिस गूगल स्प्रेडशीट का इस्तेमाल कर रहे हैं वह एक ऐसा दस्तावेज या लेजर है जो दुनिया के हर कंप्यूटर पर साझा की जा सकती है और इंटरनेट से जुड़ी होती है। हम अगर इस स्प्रेडशीट में कोई भी बदलाव करते हैं तो वह इसकी एक पंक्ति में दर्ज हो जाता है।
मोबाइल डिवाइस या कंप्यूटर इस्तेमाल करने वाला कोई भी व्यक्ति इंटरनेट के माध्यम से इस स्प्रेडशीट से कनेक्ट हो सकता है और इसके डेटा तक पहुंच सकता है। इंटरनेट से जुड़ा कोई भी व्यक्ति इस स्प्रैडशीट में दर्ज किए गए आंकड़ों को देख सकता है पर इसमें पहले से मौजूद आंकड़ों को बदल नहीं सकता है। मूल रूप से यही ब्लॉकचेन तकनीक है। फर्क सिर्फ इतना है कि जहां स्प्रेडशीट में अलग-अलग पंक्तियों में आंकड़े होते हैं वहीं ब्लॉकचेन में अलग-अलग ब्लॉक्स में आंकड़े संग्रहित किए जाते हैं।
ऐसे में हम निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि ब्लॉकचेन का एक ब्लॉक सूचनाओं का एक संग्रह है जिसमें कई छोटे-छोटे ब्लॉक्स में डेटा या सूचनाएं एकत्र कर उन्हें chronological तरीके से एक के बाद रखकर जोड़ा जाता है। जब कई ब्लॉक आपस में जुड़ जाते हैं तो एक शृंखला बन जाती है तो इसे ही ब्लॉकचेन कहते हैं।