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डब्ल्यूएचओ का बयान, भारत धार्मिक और राजनीतिक घटनाक्रम के कारण बेकाबू हुआ कोरोना

भारत में बेकाबू हुए कोरोना पर अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भी अपनी टिप्पणी दी है। WHO ने भारत में कोरोना की दूसरी लहर के लिए धार्मिक और राजनीतिक घटनाक्रम को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि भारत में कोविड-19 की ट्रांसमिशन के लिए कई संभावित कारण है, जिसमें मुख्य रूप से धार्मिक और राजनीतिक घटनाक्रम शामिल हैं, जिसमें कोविड निमयों का पालन नहीं किया गया।

बता दें कि देश में कोरोना की दूसरी लहर दस्तक दे रही थी। वहीं दूसरी ओर 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराए जा रहे थे। सभी राजनीतिक पार्टियों ने कई रैलियां और जनसभाएं की। उधर, हरिद्वार में कुंभ मेला 2021 का भी आयोजन भी किया गया था। इन दोनों जगहों पर कोविड-19 नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गई थी। जिसका खामियाजा अब भुगतना पड़ रहा है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार (12 मई) को अपनी कोविड19 वीकली एपिडेमियोलॉजिकल अपडेट प्रकाशित किया, जिसमें भारत में पहचाने गए कोरोना वायरस के B.1.617 के वैरिएंट पहली बार भारत में अक्टूबर 2020 में सामने आने की बात कही हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में कोरोना के मामले और बढ़ती मौतों की संख्या के पीछे B.1.617 और B.1.1.7 जैसे वैरिएंट जिम्मेदार हैं। और सरकार ने पता चलने के बाद भी इन वैरिएंट को रोकने के लिए कोई एहतियातन कदम नहीं उठाया।

डब्ल्यूएचओ ने हाल ही के अपनी एक रिपोर्ट में भारत में पाए गए कोरोना के नए वैरिएंट B.1.617 के रूप को चिंताजनक और दुनियाभर के लिए खतरनाक और काफी संक्रामक बताया है। उसने कहा है कि यह म्यूटेंट दुनिया के 44 देशों में पहुंच गया है।

डब्ल्यूएचओ ने साप्ताहिक महामारी रिपोर्ट में कहा है कि 11 मई तक अपलोड किए गए कोविड वायरस के 4,500 क्रम में भारत में पाए जाने वाला B.1.617 के वैरिएंट 44 देशों में मिला है।