कौन होगा भारत का नया राष्ट्रपति, आज आएंगे नतीजे, थोड़ी देर में शुरू होगी वोटों की गिनती
देश के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होने वाला है। अगले राष्ट्रपति को चुनने के लिए 18 जुलाई को वोटिंग भी हो चुकी है और आज राष्ट्रपति चुनाव के लिए डाले गए वोटों के नतीजे भी आ जाएगी। वर्तमान समय में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद हैं और देश का अगला व 15वां राष्ट्रपति कौन होगा, इसकी स्थिती आज यानी गुरूवार को तय हो जाएगी। करीब 11 बजे से संसद भवन में मतगणना शुरू कर दी जाएगी।
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राष्ट्रपति की दौड़ में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से द्रौपदी मुर्मू उम्मीदवार घोषित की गई हैं, जबकि विपक्ष की तरफ से यशवंत सिन्हा उम्मीदवार बनाए गए हैं। द्रोपदी मुर्मू देश की पहली आदिवासी महिला हैं, जिन्हे राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है। मीडिया में जारी रिपोर्ट और राजनीतिक विश्लेषक द्वारा कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति बनने के लिए मुर्मू के जीतने की काफी संभावना है। यदि वह जीत हासिल तो वह देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी।
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मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज्य सभा के सचिव जनरल पीसी मोदी की निरानी में चुनाव के मतों की गणना होगी। शाम तक चुनाव के नतीजे घोषित किये जाने की संभावना है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के सांसद सनी देओल और संजय धोत्रे समेत आठ सांसदों ने मतदान नहीं किया था। देओल मतदान के दौरान इलाज के लिए विदेश गए हुए थे, जबकि धोत्रे आईसीयू में भर्ती थे। इनके अलावा भाजपा और शिवसेना के दो-दो, समाजवादी पार्टी, एआईएमआईएम, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के एक-एक विधायक ने मतदान नहीं किया था।
इस प्रणाली के ज़रिए होता है भारत के राष्ट्रपति का चुनाव
आपने एक शब्द बार-बार सुना होगा वह है इलेक्टोरल कॉलेज। राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे भी इसी इलेक्टोरल कॉलेज के जरिए तय होंगे। यह इलेक्टोरल कॉलेज क्या है और किसी सांसद या विधायक के वोट की वैल्यू कैसे तय होती है? आइए जानते हैं इसके बारे में…
राष्ट्रपति पद लिए चुनाव में मनोनीत सांसदों को छोड़कर लोकसभा, राज्यसभा के सदस्य के साथ सभी राज्यों के विधायक वोट डालते सकते हैं। इन सभी के वोट की अहमियत यानी वैल्यू अलग-अलग होती है। यहां तक कि अलग-अलग राज्य के विधायकों के मतों की वैल्यू भी अलग होती है। एक सांसद के वोट की वैल्यू 700 होती है। वहीं, विधायकों के वोट की वैल्यू उस राज्य की आबादी और सीटों की संख्या पर निर्भर करती है। सांसदों और विधायकों के वोटों की वैल्यू के कुल योग को इलेक्टोरल कॉलेज कहते हैं। दोनों उम्मीदवारों में इस इलेक्टोरल कॉलेज के 51 फीसदी वोट हासिल करने वाला विजेता होता है।